दिल्ली में जहरीली हवा के साथ हो रहा 2023 का समापन, एक बार फिर बढ़कर 382 पर पहुंचा एक्यूआई

अन्य शहरों को पीछे छोड़ दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 अंक बढ़कर 382 पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Friday 29 December 2023
 
Photo: iStock

जहरीली हवा दिल्ली का पीछा ही नहीं छोड़ रही। आलम यह है कि देश के अन्य शहरों को पीछे छोड़ दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर बन गई है। यदि कल के मुकाबले देखें तो दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी 24 अंकों का इजाफा दर्ज किया गया है, जिसके बाद प्रदूषण का स्तर बढ़कर 382 पर पहुंच गया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि देश में केवल दिल्ली की हवा ही जहरीली है। इस मामले में बालासोर, भागलपुर, छपरा, कटक जैसे छोटे शहर भी पीछे नहीं हैं, जहां हवा पूरी तरह जहरीली हो चुकी है।

कुल मिलकर देखें तो देश में छोटे-बड़े 80 शहरों में हालात दमघोंटू हैं। वहीं अंगुल, बद्दी, भागलपुर में तो एक्यूआई 350 के पार पहुंच गया है। इस बीच आइजोल एक बार देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा है। जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 17 दर्ज किया गया है। इसके अलावा देश के किसी भी शहर की हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों पर खरी नहीं है। हालांकि वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक देश के 15 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। कुल मिलकर देखें तो देश के 16 शहरों में स्थिति इस कदर खराब है जैसे लोग किसी गैस चैम्बर में रह रहे हों।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 दिसंबर 2023 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के 234 में से महज 15 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 52 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

पूर्णिया-ठाणे सहित 64 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा, जबकि कटक-धौलपुर सहित 16 शहरों में प्रदूषण का स्तर जानलेवा (301-400 के बीच) है।

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 24 अंक बढ़कर 382 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 265, गाजियाबाद में 328, गुरुग्राम में 264, नोएडा में 324, ग्रेटर नोएडा में 286 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 181 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 182, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 249, हैदराबाद में 98, जयपुर में 267 और पटना में 310 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 15 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 17, चामराजनगर 42, चिक्कामगलुरु 40, एलूर 45, कडपा 45, कलबुर्गी 42, मदिकेरी 31, मैसूर 47, पुदुचेरी 50, रामानगर 36, सिलचर 45, शिवसागर 50, थूथुकुडी 43, तिरुचिरापल्ली 46, और उडुपी 48 शामिल रहे।

वहीं बागलकोट, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, धारवाड़, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जैसलमेर, कन्नूर, करनाल, कारवार, खुर्जा, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोरबा, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मिलुपारा, नाहरलगुन, पलवल, ऋषिकेश, रूपनगर, सलेम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरसा, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, वृंदावन और यादगीर आदि 52 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

Subscribe to our daily hindi newsletter