47 फीसदी घटा बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा, सब को पीछे छोड़ धनबाद में जानलेवा हुआ प्रदूषण

देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में कल के मुकाबले 47 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ धनबाद दूसरे शहरों को पीछे छोड़ सबसे प्रदूषित शहर बन गया है 

By Lalit Maurya

On: Thursday 02 May 2024
 

कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों यानी जिन शहरों की हवा साफ कही जा सकती है, उनकी संख्या में 47 फीसदी की गिरावट आई है। जहां कल 17 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' थी। वहीं आज यह आंकड़ा घटकर महज नौ रह गया है। इनमें अरियालूर, बागलकोट, कुड्डालोर, हल्दिया, मदिकेरी, रामनाथपुरम, सूरत, वाराणसी और विजयपुरा शामिल हैं। वहीं दूसरे शहरों को पीछे छोड़ धनबाद में प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 344 दर्ज किया गया है। यदि देश में सबसे साफ हवा वाले शहर अरियालूर से धनबाद की तुलना करें तो वहां प्रदूषण का स्तर 11 गुणा ज्यादा है।

इसी तरह देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है। जहां प्रदूषण का स्तर दमघोंटू हो चुका है। इन शहरों में आसनसोल (221), बदलापुर (207), बल्लभगढ़ (203), बारबिल (225), भिवाड़ी (224), बर्नीहाट (210), चरखी दादरी (233), धारूहेड़ा (220), दुर्गापुर (218), फरीदाबाद (208), गुरूग्राम (296), हाजीपुर (229), हिसार (254), किशनगंज (213), पटना (239), सिंगरौली (205) और श्रीगंगानगर (217) शामिल हैं। गौरतलब है कि कल के मुकाबले इन खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 19 फीसदी की गिरावट आई है। जो इस बात को दर्शाता है कि देश में प्रदूषण के समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। 

यदि देश की राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां कल के मुकाबले प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है। इसके बाद वहां वायु गुणवत्ता का स्तर घटकर 196 पर पहुंच गया है। हालांकि दूसरी तरफ दिल्ली के पडोसी शहर फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में 47 अंकों का उछाल आया है, नतीजन वहां वायु गुणवत्ता एक बार फिर खराब हो गई है। ताजा आंकड़ों से यह भी पता चला है कि देश के 86 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इनमें देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में साढ़े सात फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है उनकी संख्या बढ़कर 130 पर पहुंच गई है। कल इन शहरों का आंकड़ा 128 दर्ज किया गया था।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दो मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 243 में से नौ शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि एक मई 2024 यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया था।

130 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 17 शहरों आसनसोल, बदलापुर, बल्लभगढ़, बारबिल, भिवाड़ी, बर्नीहाट, चरखी दादरी, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गुरूग्राम, हाजीपुर, हिसार, किशनगंज, पटना, सिंगरौली, श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में धनबाद (344) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स दो अंक गिरकर 196 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 208, गाजियाबाद में 168, गुरुग्राम में 296, नोएडा में 170, ग्रेटर नोएडा में 186 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 92 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 158, चेन्नई में 54, चंडीगढ़ में 95, हैदराबाद में 90, जयपुर में 127 और पटना में 239 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

रामनाथपुरम (37) सहित देश के जिन नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 31, बागलकोट 49, कुड्डालोर 39, हल्दिया 46, मदिकेरी 50, रामनाथपुरम 37, सूरत 41, वाराणसी 42, विजयपुरा 42 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमृतसर, अंकलेश्वर, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जालंधर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोरबा, महाड, मंगलौर, मिलुपारा, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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