गिरावट के बाद दिल्ली में फिर पैर पसार रहा प्रदूषण, बर्नीहाट में 367 रहा एक्यूआई

आंकड़ों की मानें तो देश की राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 274 पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Sunday 04 February 2024
 

बारिश के बाद पिछले तीन दिनों की गिरावट के बाद दिल्ली में प्रदूषण एक बार फिर पैर पसार रहा है। आंकड़ों की मानें तो देश की राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 274 पर पहुंच गया है। हालांकि देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 367 दर्ज किया गया है। इसी तरह अररिया में एक्यूआई 357 और मुजफ्फरपुर में 324 दर्ज किया गया। इसी तरह देश के 29 अन्य शहरों में भी प्रदूषण से हालात दमघोंटू बने हुए हैं। कुल मिलकर देखें तो देश के 32 शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब है।

वहीं दूसरी तरफ देश के 18 शहरों में हवा साफ है, जहां सूचकांक 50 या उससे नीचे दर्ज किया गया है। देश में अरियालूर में हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 28 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश के 86 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चार फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से महज 18 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

कोटा-वापी सहित 29 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं अररिया (357), बर्नीहाट (367) और मुजफ्फरपुर (324) में हवा जानलेवा बनी हुई है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 74 अंक बढ़कर 274 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 248, गाजियाबाद में 226, गुरुग्राम में 242, नोएडा में 235, ग्रेटर नोएडा में 265 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 158 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 85, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 166, हैदराबाद में 90, जयपुर में 188 और पटना में 160 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 18 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 28, चामराजनगर 48, कुड्डालोर 36, कडपा 45, कलबुर्गी 40, खुर्जा 43, मैहर 35, मंगलौर 39, मिलुपारा 47, पालकालाइपेरुर 36, पुदुचेरी 32, ऋषिकेश 37, सिलचर 50, थूथुकुड़ी 42, तिरुपुर 32, उडुपी 44, वाराणसी 39, और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अंबाला, आरा, बद्दी, बागलकोट, बागपत, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, बीकानेर, बिलासपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झांसी, जींद, कैथल, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोच्चि, कोल्लम, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मांडीखेड़ा, मेरठ, मुरादाबाद, मैसूर, नागौर, नाहरलगुन, नारनौल, पंचकुला, पटियाला, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, सागर, सलेम, सासाराम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि 86 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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