बारिश के बाद दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में आई 158 अंकों की गिरावट, 22 शहरों में अभी भी दमघोंटू है हवा

देश में फरीदाबाद-पटना सहित 22 शहरों में हवा अभी भी दमघोंटू बनी हुई है। वहीं दिल्ली सहित 61 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया

By Lalit Maurya

On: Friday 10 November 2023
 

बारिश के बाद दिल्ली सहित कई अन्य शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 नवंबर 2023 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 238 में से 20 शहरों में हवा 'बेहतर' रही। वहीं 48 शहरों की श्रेणी 'संतोषजनक' रही जबकि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' रही। वहीं अहमदाबाद-भरतपुर सहित 61 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू रहा, जबकि बेगूसराय सहित 22 शहरों में प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो गया है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो बारिश के बाद यहां की वायु गुणवत्ता में सुधार जरूर आया है। जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 158 अंकों की गिरावट के बाद घटकर 279 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 308, गाजियाबाद में 267, गुरुग्राम में 240, नोएडा में 247, ग्रेटर नोएडा में 272 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 87 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'सन्तोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 289, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 230, हैदराबाद में 97, जयपुर में 187 और पटना में 366 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 38, बागलकोट 36, भिवंडी 49, चामराजनगर 38, चिकबलपुर 41, चिक्कामगलुरु 37, गडग 49, हुबली 50, कलबुर्गी 42, मदिकेरी 39, मैसूर 45, नंदेसरी 50, ऊटी 25, रामनाथपुरम 38, सांगली 45, शिवमोगा 47, सिलचर 46, श्रीनगर 39, तिरुवनंतपुरम 45, विजयपुरा 36 आदि शामिल रहे।

वहीं अरियालूर, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, बिलासपुर, चेन्नई, चुरू, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, गंगटोक, हसन, हावेरी, हैदराबाद, इंफाल, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, खुर्जा, कोच्चि, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, महाड, मंगलौर, मिलुपारा, मुंबई, नवी मुंबई, पुदुचेरी, पुणे, रायचुर, रामानगर, ऋषिकेश, सलेम, शिलांग, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, थूथुकुडी, तिरुपति, तुमकुरु, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 48 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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