वाराणसी-सूरत सहित देश के 25 शहरों में बेहतर हुई हवा, प्रदूषित शहरों में आई 50 फीसदी की गिरावट

देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 50 फीसदी की गिरावट आई है। जहां कल इन शहरों की संख्या 20 दर्ज की गई थी, वहीं आज इन शहरों का आंकड़ा घटकर दस पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Wednesday 17 April 2024
 

देश में वाराणसी-सूरत सहित 25 शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है। कल के मुकाबले देखें तो बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि कल इन शहरों की संख्या 20 रिकॉर्ड की गई थी। इन शहरों में कोयंबटूर, देवास, हावेरी, हुबली, झांसी, कोल्लम, मदिकेरी आदि शहर शामिल हैं। यदि देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां भी वायु गुणवत्ता सूचकांक में 82 अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 145 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक में 95 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं दूसरी तरफ देश के संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी की गिरावट आई है। जहां कल इन शहरों की संख्या 110 दर्ज की गई थी, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर 106 पर पहुंच गया है। इन शहरों में अमरावती, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर आदि शहर शामिल हैं। इसी तरह देश के 98 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है। इन शहरों में दौसा, दिल्ली, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद आदि शहर शामिल हैं। आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 50 फीसदी की गिरावट आई है। जहां कल इन शहरों की संख्या 20 दर्ज की गई थी, वहीं आज इन शहरों का आंकड़ा घटकर दस पर पहुंच गया है। इन शहरों में बारबिल, बारीपदा, छपरा, धनबाद, हाजीपुर, मंडी गोबिंदगढ़, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना और सिंगरौली शामिल हैं। जहां प्रदूषण का स्तर दमघोंटू बना हुआ है। कुल मिलकर देखें तो देश के बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में प्रदूषण से स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 239 में से 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 106 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 110 दर्ज किया गया था।

98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 10 शहरों बारबिल, बारीपदा, छपरा, धनबाद, हाजीपुर, मंडी गोबिंदगढ़, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना और सिंगरौली आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में छपरा (288) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पास पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 82 अंक गिरकर 145 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 154, गाजियाबाद में 124, गुरुग्राम में 198, नोएडा में 153, ग्रेटर नोएडा में 164 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 107 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 140, चेन्नई में 77, चंडीगढ़ में 99, हैदराबाद में 88, जयपुर में 123 और पटना में 223 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

वाराणसी सहित देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 40, बागलकोट 46, बेलगाम 46, बिलासपुर 45, चामराजनगर 45, चिक्कामगलुरु 43, कोयंबटूर 45, देवास 45, हावेरी 42, हुबली 44, झांसी 36, कोल्लम 49, मदिकेरी 42, मैसूर 42, नारनौल 48, पुदुचेरी 34, राजगीर 49, रामनगर 49, रामनाथपुरम 37, शिवसागर 46, सूरत 47, थूथुकुडी 49, तुमकुरु 47, वाराणसी 37, और विजयपुरा 42 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, बहादुरगढ़, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, ब्रजराजनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चित्तूर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड़, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, कैथल, कलबुर्गी, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मैहर, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मुरादाबाद, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, टेंसा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, वातवा, वेल्लोर, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर आदि 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

Subscribe to our daily hindi newsletter