मुजफ्फरनगर-नलबाड़ी-श्रीगंगानगर में जानलेवा है हवा, फरीदाबाद में 298 पर पहुंचा एक्यूआई

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 अंक बढ़कर 269 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी एक्यूआई 298 दर्ज किया गया है

By Lalit Maurya

On: Monday 19 February 2024
 

देश के तीन शहरों मुजफ्फरनगर-नलबाड़ी-श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता जानलेवा बनी हुई है। इन तीनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी एक्यूआई बढ़कर 298 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के कई अन्य शहरों में भी प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर ज्यादा है। वहीं बालासोर में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 पर है। इसी तरह देश के 39 शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला (264), अंगुल (227), अररिया (269), बद्दी (274), बागपत (212), बहादुरगढ़ (242), बल्लभगढ़ (281), बारीपदा (283), बैरकपुर (258), भागलपुर (273), भिवाड़ी (246), ब्यासनगर (257), बर्नीहाट (283), चंडीगढ़ (288), छपरा (241), देहरादून (263), धारूहेड़ा (223), दुर्गापुर (210), गाजियाबाद (259), गुवाहाटी (235), हाजीपुर (225), हनुमानगढ़ (240), हापुड़ (211), हिसार (202), जलगांव (214), कोटा (216), लुधियाना (202), मंडीदीप (269), मानेसर (241), मुजफ्फरपुर (202), वापी (293) और यमुनानगर (262) सहित कई छोटे-बड़े शहर शामिल हैं। कुल मिलकर देखें तो देश में बढ़ता प्रदूषण अब केवल बड़े शहरों की ही समस्या नहीं रहा गया। छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।

देश के सबसे साफ हवा वाले शहरों को देखें तो मैहर में वायु गुणवत्ता सबसे बेहतर है, जहां एक्यूआई 36 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 13 अन्य शहरों में भी हवा बेहतर दर्ज की गई है जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे दर्ज किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 67 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि 17 फरवरी 2024 यह आंकड़ा 72 दर्ज किया गया था। 123 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

देहरादून-छपरा सहित 39 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं मुजफ्फरनगर (322), नलबाड़ी (302) और श्रीगंगानगर (318) में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 24 अंक बढ़कर 269 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 298, गाजियाबाद में 259, गुरुग्राम में 221, नोएडा में 262, ग्रेटर नोएडा में 267 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 146 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 157, चेन्नई में 87, चंडीगढ़ में 288, हैदराबाद में 83, जयपुर में 176 और पटना में 196 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 49, चामराजनगर 44, चिक्कामगलुरु 46, हसन 43, मदिकेरी 50, मैहर 36, मिलुपारा 49, सिलचर 47, शिवसागर 48, तुमकुरु 44, उडुपी 48, वाराणसी 48 और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, बांसवाड़ा, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, खुर्जा, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, महाड, मंगुराहा, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पंचकुला, पुदुचेरी, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिरोही, सिरसा, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति और विजयवाड़ा आदि 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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