भागलपुर, बर्नीहाट और ग्रेटर नोएडा में जानलेवा हुआ प्रदूषण, दिल्ली सहित 17 शहरों में भी हालात खराब

दूसरी तरफ देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 88 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में इन शहरों की संख्या कल आठ दर्ज की गई थी, वहीं आज यह आंकड़ा बढ़कर 15 पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Thursday 11 April 2024
 

देश के तीन शहरों भागलपुर, बर्नीहाट और ग्रेटर नोएडा में बढ़ता प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के पार है। वहीं राजधानी दिल्ली में भी प्रदूषण 16 अंक बढ़कर 238 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 16 अन्य छोटे बड़े शहरों में स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवानी, छपरा, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गुरूग्राम, हाजीपुर, हिसार, हावड़ा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पटना, रोहतक, और श्रीगंगानगर शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में गिरावट आई है। कल इन शहरों का आंकड़ा 21 रिकॉर्ड किया गया था।

वहीं दूसरी तरफ देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 88 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में इन शहरों की संख्या कल आठ दर्ज की गई थी, वहीं आज यह आंकड़ा बढ़कर 15 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश में छोटे-बड़े 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इनमें अमरावती, अंबाला, अमरावती, अमृतसर आदि शहर शामिल हैं। देश में 92 शहरों में वायु गुणवत्ता का मध्यम श्रेणी की है। कल यह आंकड़ा 92 दर्ज किया गया था। इनमें गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, इंफाल, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर आदि शहर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 238 में से 15 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 100 दर्ज किया गया था। 100 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 17 शहरों बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवानी, छपरा, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गुरूग्राम, हाजीपुर, हिसार, हावड़ा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पटना, रोहतक, और श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में भागलपुर (302), बर्नीहाट (318) और ग्रेटर नोएडा (301) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 16 अंक बढ़कर 238 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 202, गाजियाबाद में 197, गुरुग्राम में 276, नोएडा में 217, ग्रेटर नोएडा में 301 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 88 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 102, चेन्नई में 63, चंडीगढ़ में 90, हैदराबाद में 73, जयपुर में 99 और पटना में 256 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

वाराणसी सहित देश के जिन 15 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 50, भिलाई 39, बिलासपुर 35, चामराजनगर 50, चिक्कामगलुरु 48, कुड्डालोर 49, देवास 47, एलूर 46, फिरोजाबाद 44, झांसी 29, मदिकेरी 43, पालकलाईपेरुर 47, रायपुर 37, सूरत 37 और वाराणसी 40 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, दौसा, दावनगेरे, धारवाड़, फतेहाबाद, गडग , गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, महाड, मैहर, मिलुपारा, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, टेंसा, ठाणे , तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तुमिडीह, उज्जैन, वापी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, और यमुनानगर आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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