191 अंकों की गिरावट के साथ फरीदाबाद में संतोषजनक हुई वायु गुणवत्ता, दिल्ली में भी घटा प्रदूषण

फरीदाबाद की तरह ही दिल्ली के प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 अंकों की गिरावट के साथ 133 पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Monday 01 April 2024
 

देश के कई शहरों में प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई है, इन शहरों में दिल्ली-फरीदाबाद भी शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता सूचकांक में एक ही दिन में 191 अंकों की गिरावट देखी गई है। इस गिरावट के साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता संतोषजनक हो गई है। गौरतलब है कि जहां 31 मार्च 2024 को फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 286 दर्ज किया गया था, वो आज घटकर 95 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की तरह ही दिल्ली के प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 अंकों की गिरावट के साथ 133 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। 

ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के महज सात शहरों में हवा 'दमघोंटू' है। इन शहरों में बारबिल (268), हाजीपुर (206), कोल्हापुर (206), नंदेसरी (234), सुआकाती (259), सूरत (260), तालचेर (206) शामिल हैं। हालांकि कल इन शहरों का आंकड़ा 11 दर्ज किया गया था। देखा जाए तो देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। गौरतलब है कि देश में बारबिल की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 268 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं दूसरी तरह देश में कुड्डालोर की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 रिकॉर्ड किया गया है। यदि कुड्डालोर की तुलना बारबिल में प्रदूषण से करें तो वहां हवा 19 गुणा साफ है। कुल मिलाकर देखें तो देश में 23 शहरों में हवा बेहतर दर्ज की गई, वहीं कल यह आंकड़ा 18 रिकॉर्ड किया गया था।

इसी तरह देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा भी बढ़कर 105 पर पहुंच गया है, जो कल 99 दर्ज किया गया था। इन शहरों में अलवर, बठिंडा आदि शहर शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कल गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों का आंकड़ा घटकर 97 पर पहुंच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से 23 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 31 मार्च 2024 यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था। 97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं सात शहरों बारबिल (268), हाजीपुर (206), कोल्हापुर (206), नंदेसरी (234), सुआकाती (259), सूरत (260), तालचेर (206) में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बारबिल में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 268 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 109 अंक गिरकर 133 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 95, गाजियाबाद में 104, गुरुग्राम में 129, नोएडा में 117, ग्रेटर नोएडा में 144 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 106 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 134, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 94, हैदराबाद में 88, जयपुर में 107 और पटना में 190 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 39, अरियालूर 46, चेन्नई 46, कुड्डालोर 14, फिरोजाबाद 33, झांसी 31, कडपा 47, मदिकेरी 46, मानेसर 40, मंगलौर 45, नाहरलगुन 35, नारनौल 50, पंचकुला 45, पुदुचेरी 26, राजमहेंद्रवरम 32, राजगीर 27, रामनगर 41, रामनाथपुरम 32, रोहतक 50, सिलचर 46, शिवसागर 43, वाराणसी 30 और विजयपुरा 42 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कटक, धारवाड़, एलूर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गडग, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड़, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जालंधर, जलगांव, जलना, झुंझुनूं, जींद, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करनाल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नासिक, पलवल, पानीपत, पटियाला, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, सिवान, सोनीपत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, वापी, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर और यमुनानगर आदि 105 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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