सूरत-तिरुपति सहित 72 शहरों में संतोषजनक रही वायु गुणवत्ता, दिल्ली में भी घटा प्रदूषण

दिल्ली की बात करें तो कल के मुकाबले दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 24 अंक गिरकर 245 पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Saturday 17 February 2024
 

देश में मौसम के बदलाव के साथ-साथ धीरे-धीरे प्रदूषण का स्तर भी घट रहा है। आंकड़ों के मुताबिक देश के 13 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। यदि के सबसे साफ शहर की बात करें तो इस मामले में तुमकुरु अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 38 दर्ज किया गया। इसी तरह सूरत-तिरुपति सहित देश के 72 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक रहा। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में कमी जरूर देखी गई। गौरतलब है कि कल देश की 73 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक थी।

यदि दिल्ली की बात करें तो कल के मुकाबले दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 24 अंक गिरकर 245 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ देश के तीन शहरों बालासोर (305), हनुमानगढ़ (310), और मंडी गोबिंदगढ़ (346) में हवा जानलेवा बनी हुई है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार है। वहीं आंकड़ों के मुताबिक गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हावड़ा, करौली, कोलकाता, कोटा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, राजसमंद, तालचेर, टोंक, उदयपुर, वापी, यमुनानगर सहित देश के 40 शहरों में हवा दमघोंटू है जहां प्रदूषण का स्तर 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 247 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 72 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि कल यह आंकड़ा 73 दर्ज किया गया था। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

छपरा-अगरतला सहित 40 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं बालासोर (305), हनुमानगढ़ (310), और मंडी गोबिंदगढ़ (346) में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 24 अंक गिरकर 245 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 206, गाजियाबाद में 191, गुरुग्राम में 258, नोएडा में 216, ग्रेटर नोएडा में 244 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 174 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 138, चेन्नई में 84, चंडीगढ़ में 253, हैदराबाद में 74, जयपुर में 169 और पटना में 156 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अनंतपुर 48, अरियालूर 50, बागलकोट 42, चामराजनगर 47, चिक्कामगलुरु 47, कलबुर्गी 48, मदिकेरी 43, मैहर 46, ऊटी 41, पालकालाइपेरुर 45, रामानगर 46, तुमकुरु 38, और वाराणसी 48 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, धारवाड़, एलूर, गडग, गंगटोक, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, कन्नूर, कारवार, खुर्जा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, पंचकुला, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिरसा, शिवसागर, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, उडुपी, वातवा, विजयवाड़ा, और यादगीर आदि 73 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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