लखनऊ-तिरुपति सहित 108 शहरों में संतोषजनक हुई हवा, 14 शहरों में रही दमघोंटू

देश में अगरतला, अंगुल, अररिया, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, भागलपुर, धौलपुर, हनुमानगढ़, सांगली, श्रीगंगानगर और वापी में प्रदूषण से स्थिति दमघोंटू बनी हुई है

By Lalit Maurya

On: Tuesday 06 February 2024
 

अंबाला-वाराणसी सहित देश के 19 शहरों में हवा बेहतर दर्ज की गई है। इसी तरह देश के 108 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति संतोषजनक दर्ज की गई है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 से नीचे दर्ज किया गया है। कुल मिलकर देखें तो देश में ऋषिकेश की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 दर्ज किया गया है। यदि दिल्ली की बात करें तो राजधानी में भी वायु गुणवत्ता में सुधार जरूर आया है। जो 39 अंक गिरकर 141 दर्ज किया गया है।

वहीं बड़े शहरों से तुलना करें तो देश के छोटे शहरों में प्रदूषण से स्थिति कहीं ज्यादा खराब है, इसकी पुष्टि आंकड़े भी करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक बक्सर (303) और बर्नीहाट (366) में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इसी तरह अगरतला, अंगुल, अररिया, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, भागलपुर, धौलपुर, हनुमानगढ़, सांगली, श्रीगंगानगर और वापी सहित 12 शहरों में प्रदूषण से स्थिति दमघोंटू बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा छह फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 242 में से 19 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

भागलपुर-वापी सहित 12 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं बक्सर (303), और बर्नीहाट (366) में हवा जानलेवा बनी हुई है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 39 अंक गिरकर 141 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 138, गाजियाबाद में 112, गुरुग्राम में 112, नोएडा में 130, ग्रेटर नोएडा में 176 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 127 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 71, चेन्नई में 88, चंडीगढ़ में 105, हैदराबाद में 78, जयपुर में 110 और पटना में 129 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अंबाला 49, अरियालूर 40, बागलकोट 50, चामराजनगर 45, गडग 50, गंगटोक 46, कडपा 42, कलबुर्गी 49, खुर्जा 36, मदिकेरी 40, मैहर 32, मांडीखेड़ा 50, पालकालाइपेरुर 41, ऋषिकेश 23, रोहतक 50, शिवसागर 36, थूथुकुडी 47, वाराणसी 42 और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भिवानी, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, चरखी दादरी, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, हाजीपुर, हसन, हावेरी, हिसार, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, कैथल, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोलार, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मंगलौर, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामानगर, रामनाथपुरम, रूपनगर, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, सिवान, सोनीपत, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तुमिडीह, उडुपी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर और यमुनानगर आदि 108 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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