एयर क्वालिटी ट्रैकर: नंदेसरी में सबसे दूषित है हवा, झांसी से आठ गुणा ज्यादा रहा प्रदूषण

देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में प्रदूषण से स्थिति कहीं ज्यादा खराब है 

By Lalit Maurya

On: Wednesday 27 March 2024
 
देश के आठ शहरों अहमदनगर (217), बल्लभगढ़ (228), भिवाड़ी (202), बीकानेर (255), मंडी गोबिंदगढ़ (204), मंडीदीप (210), नंदेसरी (263) और श्रीगंगानगर (219) में स्थिति दमघोंटू है; फोटो: आईस्टॉक

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में नंदेसरी की हवा सबसे ज्यादा खराब है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 263 पर पहुंच गया है। इसी तरह बीकानेर में भी एक्यूआई 255 दर्ज किया गया है। यदि देश के सबसे साफ शहरों में से एक झांसी से नंदेसरी की तुलना करे तो वहां प्रदूषण आठ गुणा ज्यादा है। इसी तरह देश के छह अन्य शहरों में भी हवा दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में अहमदनगर (217), बल्लभगढ़ (228), भिवाड़ी (202), मंडी गोबिंदगढ़ (204), मंडीदीप (210), और श्रीगंगानगर (219) शामिल हैं। 

यदि देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता कल से खराब हुई है। गौरतलब है कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 43 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 177 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद में भी सूचकांक 200 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं दूसरी तरफ देश के उन शहरों की बात करें तो जहां वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है, उन शहरों का आंकड़ा 26 दर्ज किया गया है। इन शहरों में हल्दिया, झांसी, कडपा, करौली, मोतिहारी, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम आदि शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। कल इन शहरों की संख्या 23 दर्ज की गई थी। हालांकि इसके विपरीत देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में गिरावट आई है। इन शहरों की संख्या कल 134 से घटकर आज 108 रह गई है। देश में 104 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है। कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। कल इन शहरों की संख्या 70 रिकॉर्ड की गई थी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 26 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 मार्च 2024 यह आंकड़ा 134 दर्ज किया गया था। 104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं आठ शहरों अहमदनगर (217), बल्लभगढ़ (228), भिवाड़ी (202), बीकानेर (255), मंडी गोबिंदगढ़ (204), मंडीदीप (210), नंदेसरी (263) और श्रीगंगानगर (219) में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 263 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 43 अंक बढ़कर 177 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 200, गाजियाबाद में 133, गुरुग्राम में 189, नोएडा में 150, ग्रेटर नोएडा में 186 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 74 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 124, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 132, हैदराबाद में 83, जयपुर में 124 और पटना में 122 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 26 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अररिया 36, अरियालूर 50, बागलकोट 46, चामराजनगर 43, धारवाड़ 38, फिरोजाबाद 48, हल्दिया 41, झांसी 31, कडपा 50, करौली 38, मोतिहारी 50, नाहरलगुन 27, पालकालाइपेरुर 32, पुदुचेरी 46, रामनगर 49, रामनाथपुरम 46, शिवमोगा 49, सिलचर 44, सिलीगुड़ी 40, शिवसागर 47, सोनीपत 40, थूथुकुडी 47, तिरुपति 48, वाराणसी 32, वेल्लोर 49 और विजयपुरा 40 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती, अंबाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, एलूर, फतेहाबाद, गडग, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हापुड़, हसन, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, जींद, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुरूक्षेत्र, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, पलवल, पानीपत, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, शिलांग, सिरोही, सिरसा, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, उडुपी, वापी, विजयवाड़ा, और यादगीर आदि 134 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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