वाराणसी-तिरुपति सहित 45 फीसद शहरों में संतोषजनक रही हवा, केवल अररिया में जानलेवा रहे हालात

आंकड़ों के मुताबिक देश के 45 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं 13 अन्य शहरों में हवा बेहतर दर्ज की गई है 

By Lalit Maurya

On: Friday 09 February 2024
 

देश में मौसम के बदलाव के साथ-साथ वायु गुणवत्ता में भी गिरावट का दौर जारी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 45 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। मतलब की वाराणसी-तिरुपति सहित छोटे-बड़े 111 शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 या उससे नीचे दर्ज किया गया है। वहीं मैहर में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 23 दर्ज किया गया। इसी तरह 13 अन्य शहरों में हवा साफ है। दिल्ली-एनसीआर में भी प्रदूषण में गिरावट देखने को मिली है। कल के मुकाबले देखें तो दिल्ली के प्रदूषण में 16 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि इसके बावजूद अभी भी हवा स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित नहीं है।

वहीं दूसरी तरफ अररिया में प्रदूषण से हालात बेहद खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 323 पर पहुंच गया है। कुल मिलकर देखें तो अररिया में स्थिति जानलेवा है। इसी तरह देश के 13 अन्य शहरों में भी हालात खराब हैं। इन शहरों में अगरतला, अंगुल, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, हापुड़, किशनगंज, कोल्हापुर, मंडीदीप, मुजफ्फरनगर, नलबाड़ी, नांदेड़ और श्रीगंगानगर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

हापुड़-कोल्हापुर सहित 13 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं अररिया (323) में हवा जानलेवा बनी हुई है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 16 अंक गिरकर 145 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 133, गाजियाबाद में 112, गुरुग्राम में 189, नोएडा में 112, ग्रेटर नोएडा में 137 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 127 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 91, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 214, हैदराबाद में 89, जयपुर में 149 और पटना में 184 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 47, चामराजनगर 46, गंगटोक 50, कडपा 47, कलबुर्गी 50, खुर्जा 37, मदिकेरी 45, मैहर 23, मिलुपारा 41, पालकालाइपेरुर 49, सिलचर 49, शिवसागर 46, और तुमकुरु 42 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भिवानी, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बूंदी, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देवास, धौलपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, हावेरी, हिसार, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, झांसी, जींद, जोधपुर, कैथल, कन्नूर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, पाली, पलवल, पानीपत, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सलेम, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिरोही, सिरसा, सोनीपत, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उडुपी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, और यादगीर आदि 111 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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