बक्सर में बढ़कर 369 पर पहुंचा एक्यूआई, ऋषिकेश में सबसे साफ रही हवा, जानिए अन्य शहरों का हाल

देश के 226 शहरों में से ऋषिकेश में हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 19 दर्ज किया गया है

By Lalit Maurya

On: Monday 05 February 2024
 

देश के 226 शहरों में से ऋषिकेश में हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 19 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 29 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। हालांकि दूसरी तरफ देश में बक्सर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 369 रिकॉर्ड किया गया है। मतलब कि वहां हवा ऋषिकेश से 19 गुणा ज्यादा खराब है। इसी तरह अररिया (334), भागलपुर (326) और बर्नीहाट (343) में भी हवा जानलेवा बनी हुई है। जहां हर सांस के साथ लोगों का स्वास्थ्य कहीं ज्यादा खराब हो सकता है।

देश के 17 अन्य शहरों में भी हवा दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में नवी मुंबई, नयागढ़, पटना, सहरसा, समस्तीपुर, तालचेर, ठाणे, उल्हासनगर और वापी आदि शहर शामिल हैं। यदि दिल्ली की बात करें तो कल के मुकाबले प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है। इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 180 रिकॉर्ड किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पांच फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 226 में से महज 29 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 90 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

छपरा-ठाणे सहित 17 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं अररिया (334), भागलपुर (326), बक्सर (369), और बर्नीहाट (343) में हवा जानलेवा बनी हुई है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 94 अंक गिरकर 180 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 120, गाजियाबाद में 120, गुरुग्राम में 153, नोएडा में 148, ग्रेटर नोएडा में 184 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 154 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 69, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 102, हैदराबाद में 79, जयपुर में 82 और पटना में 229 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 29 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा 46, अजमेर 41, अंबाला 40, अरियालूर 23, चामराजनगर 44, चेंगलपट्टू 33, कुड्डालोर 32, देहरादून 32, फिरोजाबाद 45, गंगटोक 43, जालंधर 43, कडपा 44, खन्ना 50, खुर्जा 37, लुधियाना 44, मदिकेरी 49, मैहर 46, पाली 50, पालकालाइपेरुर 29, पंचकुला 44, पटियाला 43, पुदुचेरी 31, ऋषिकेश 19, सिलचर 50, सिरोही 46, थूथुकुडी 46, तिरुपुर 34, उडुपी 50 और वाराणसी 47 शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, आइजोल, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बागलकोट, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भिवानी, बीदर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, दावनगेरे, एलूर, गडग, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हिसार, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जयपुर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागौर, नाहरलगुन, नारनौल, पलवल, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रोहतक, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिरसा, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, वातवा, विजयवाड़ा, यादगीर और यमुनानगर आदि 90 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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