बदलापुर में बदली हवा जानलेवा हुआ प्रदूषण, जलना-कल्याण सहित 25 शहरों में दमघोंटू हैं हालात

यदि बदलापुर की तुलना देश के सबसे साफ शहर वाराणसी से करें तो वहां प्रदूषण का स्तर करीब 12 गुणा ज्यादा है

By Lalit Maurya

On: Friday 22 March 2024
 

देश में बदलापुर की हवा सबसे ज्यादा दूषित है। वहां बढ़ते प्रदूषण का आलम यह है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक अन्य शहरों को पीछे छोड़ 310 पर पहुंच गया है। वहीं यदि देश के सबसे साफ हवा वाले शहर वाराणसी से उसकी तुलना करें तो वहां प्रदूषण का स्तर करीब 12 गुणा ज्यादा है। यहां तक कि यह शहर प्रदूषण के मामले में दिल्ली-मुंबई को भी पीछे छोड़ चुका है। आंकड़ों के मुताबिक देश के 25 छोटे बड़े अन्य शहरों में भी दमघोंटू हो चुका है। इन शहरों में अहमदनगर, आसनसोल, हनुमानगढ़, जलना, कल्याण, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नवी मुंबई, परभनी, पिंपरी-चिंचवड, रोहतक, श्रीगंगानगर, उल्हासनगर और विरार शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों की संख्या में 45 फीसदी का इजाफा हुआ है। कहीं न कहीं यह आंकड़े इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब हो रही है।

दूसरी तरफ देश में वाराणसी की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 26 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 25 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इसी तरह देश के 108 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। वहीं कल इन शहरों का आंकड़ा 106 रिकॉर्ड किया गया था। यदि दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले आज प्रदूषण में चार अंकों की गिरावट आई है। इसी तरह देश के 99 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 22 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 249 में से 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 21 मार्च 2024 यह आंकड़ा 106 दर्ज किया गया था। 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 16 शहरों बदलापुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, जलना, नंदेसरी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, रोहतक, श्रीगंगानगर, ठाणे, उल्हासनगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बदलापुर (310) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स चार अंक गिरकर 166 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 176, गाजियाबाद में 126, गुरुग्राम में 158, नोएडा में 137, ग्रेटर नोएडा में 154 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 144 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 117, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 130, हैदराबाद में 81, जयपुर में 116 और पटना में 182 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 28, बागलकोट 46, बिलासपुर 49, चामराजनगर 44, चेंगलपट्टू 44, कुड्डालोर 42, धारवाड़ 34, कडपा 41, करौली 42, कोहिमा 41, मैहर 30, मिलुपारा 44, नाहरलगुन 39, पालकालाइपेरुर 36, पंचकुला 31, पुदुचेरी 36, पूर्णिया 49, रामनगर 36, रामनाथपुरम 47, सिलचर 45, शिवसागर 42, तुमकुरु 30, वाराणसी 26, विजयपुरा 39 और विरुधुनगर 49 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, फिरोजाबाद, गडग, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड़, हसन, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झांसी, जींद, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, मदिकेरी, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मंगलौर, मुरादाबाद, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पलवल, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोनीपत, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तुमिडीह, उडुपी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और यादगीर आदि 108 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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