भागलपुर में लगा सांसों पर आपातकाल, अन्य शहरों को पीछे छोड़ 400 के पार पहुंचा एक्यूआई

दिल्ली-मुंबई सहित दूसरे शहरों को पीछे छोड़ भागलपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Saturday 06 January 2024
 

दिल्ली-मुंबई सहित दूसरे शहरों को पीछे छोड़ भागलपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर पर पहुंच गया है, जहां एक्यूआई बढ़कर 401 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के कई अन्य शहरों में भी स्थिति जानलेवा बनी हुई है। इसी तरह बालासोर में एक्यूआई 348 पर पहुंच गया है। वहीं छपरा में 343, राजगीर में 355, सहरसा में 376 और श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता 347 रिकॉर्ड की गई है।

यदि देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसके बावजूद हवा जहरीली बनी हुई है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 320 पर पहुंच गया है। कुल मिलाकर देखें तो देश के 14 शहरों में हालात बेहद खराब है। वहीं 54 शहरों में हवा दमघोंटू बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा छह जनवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के 235 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 63 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

हापुड़-किशनगंज सहित 54 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा, जबकि कटक-क्योंझर सहित 14 शहरों में प्रदूषण का स्तर जानलेवा (301-400 के बीच) है।

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 13 अंक गिरकर 320 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 276, गाजियाबाद में 242, गुरुग्राम में 161, नोएडा में 260, ग्रेटर नोएडा में 296 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 128 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 182, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 216, हैदराबाद में 74, जयपुर में 278 और पटना में 314 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 24, चामराजनगर 43, चेंगलपट्टू 45, दमोह 40, एलूर 38, कडपा 42, कलबुर्गी 47, मदिकेरी 48, शिलांग 48, सिलचर 48 और थूथुकुडी 50 शामिल रहे।

वहीं अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, धारवाड़, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, कांचीपुरम, कन्नूर, कारवार, खुर्जा, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोल, कोरबा, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रायचुर, रामानगर, रूपनगर, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तिरुपुर, वाराणसी, विजयपुरा, विजयवाड़ा, वृंदावन, और यादगीर आदि 63 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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