अन्य शहरों को पीछे छोड़ बक्सर बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, मैहर से नौ गुणा ज्यादा रहा प्रदूषण

बक्सर की तरह ही देश के सात अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर जानलेवा बना हुआ है

By Lalit Maurya

On: Sunday 11 February 2024
 

देश के अन्य शहरों को पीछे छोड़ बक्सर देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। जहां वायु गुणवत्ता 330 दर्ज की गई। यदि देश के सबसे साफ शहर मैहर से इसकी तुलना करें तो बक्सर में प्रदूषण का स्तर मैहर से नौ गुणा ज्यादा खराब था। बता दें कि मैहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 35 दर्ज किया गया था। बक्सर की तरह ही देश के सात अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर जानलेवा दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अररिया (304), ग्रेटर नोएडा (317), गुरूग्राम (316), हापुड़ (305), मुजफ्फरनगर (329), नलबाड़ी (302) और श्रीगंगानगर (328) में भी स्थिति बेहद खराब है। वहीं देश के 35 अन्य शहरों में भी हवा दमघोंटू बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ देश के नौ शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले वायु गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है, जिसके बाद प्रदूषण का स्तर दमघोंटू हो गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 249 में से नौ शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 90 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

भुवनेश्वर-छपरा सहित 35 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं हापुड़-मुजफ्फरनगर सहित देश के आठ शहरों में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 150 अंक बढ़कर 295 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 224, गाजियाबाद में 255, गुरुग्राम में 316, नोएडा में 292, ग्रेटर नोएडा में 317 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 120 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 168, चेन्नई में 85, चंडीगढ़ में 248, हैदराबाद में 78, जयपुर में 156 और पटना में 250 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर 46, कडपा 41, कलबुर्गी 44, मदिकेरी 50, मैहर 35, मिलुपारा 45, सिलचर 43, तुमकुरु 36, और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, बागलकोट, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बूंदी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देवास, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग , गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, झालावाड़, जोधपुर, कन्नूर, खन्ना, खुर्जा, कोच्चि, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, पाली, पालकालाइपेरुर, पलवल, पानीपत, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा और यादगीर आदि 111 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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