दिल्ली-मुंबई नहीं मेघालय का बर्नीहाट है सबसे प्रदूषित शहर, हवा में घुला जहर

क्या आप जानते हैं कि देश का सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली-मुंबई न होकर मेघालय का बर्नीहाट है, जहां हवा में घुला जहर जानलेवा हो चुका है

By Lalit Maurya

On: Saturday 16 March 2024
 

क्या आप जानते हैं कि देश का सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली-मुंबई न होकर मेघालय का बर्नीहाट है। हालांकि प्रदूषण को लेकर उत्तर भारत के ज्यादातर शहर हमेशा चर्चा में रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे समीकरण पूरी तरह बदल रहे है। यही वजह है कि प्रदूषण के इस बढ़ते जहर से मेघालय का यह शहर भी सुरक्षित नहीं है। बर्नीहाट में प्रदूषण से हालत इस कदर खराब हो चुके हैं, वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 316 पर पहुंच गया है। वहीं श्रीगंगानगर दूसरे जबकि नंदेसरी तीसरे स्थान पर है। हालांकि इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू है।

आंकड़ों की मानें तो देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू है। इन शहरों में अगरतला 231, अहमदाबाद 240, आसनसोल 221, भागलपुर 243, छपरा 246, मंडी गोबिंदगढ़ 251, मुंगेर 247, मुजफ्फरपुर 214, नांदेड़ 261, नंदेसरी 265, परभनी 258, पटना 205, सिलीगुड़ी 239, और श्रीगंगानगर 272 शामिल हैं। हालांकि कल इन शहरों का आंकड़ा नौ दर्ज किया गया था। मतलब की कल से आज खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है।

देश की राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां भी वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है, जिसे बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 40 अंक बढ़कर 167 पर पहुंच गया है। वहीं देश में सबसे साफ हवा वाले शहरो की बात करें तो इस मामले में आज भी तुमकुरु अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 31 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 14 अन्य शहरों में हवा साफ है। कल की तुलना में देखें तो बेहतर वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। बता दें कि कल देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई थी। वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में गिरावट आई है। इसके चलते संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 109 से घटकर आज 96 रह गई है। हालांकि जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है, उनमें इजाफा दर्ज किया गया है और इनका आंकड़ा बढ़कर 131 पर पहुंच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 256 में से 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 96 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 मार्च 2024 यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था। 131 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 14 शहरों अगरतला 231, अहमदाबाद 240, आसनसोल 221, भागलपुर 243, छपरा 246, मंडी गोबिंदगढ़ 251, मुंगेर 247, मुजफ्फरपुर 214, नांदेड़ 261, नंदेसरी 265, परभनी 258, पटना 205, सिलीगुड़ी 239, और श्रीगंगानगर 272 में स्थिति दमघोंटू है। वहीं दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 316 पर पहुंच गया है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 40 अंक बढ़कर 167 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 161, गाजियाबाद में 121, गुरुग्राम में 155, नोएडा में 162, ग्रेटर नोएडा में 130 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 111, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 113, हैदराबाद में 84, जयपुर में 93 और पटना में 205 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 35, बागलकोट 46, चामराजनगर 46, चेंगलपट्टू 37, फिरोजाबाद 49, हसन 47, झांसी 41, मैसूर 49, ऊटी 42, पालकालाइपेरुर 41, पंचकुला 42, पुदुचेरी 42, तुमकुरु 31, और वाराणसी 35 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्यासनगर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, फतेहाबाद, गडग, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मदिकेरी, मैहर, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, नगांव, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पलवल, पटियाला, प्रयागराज, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर, और यमुनानगर आदि 96 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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