बदलती हवा: बड़े नहीं छोटे शहरों में डेरा जमाता प्रदूषण, लोगों को कर रहा बीमार

किशनगंज में एक्यूआई 271 दर्ज किया गया है, इसी तरह भरतपुर, बिलीपाड़ा, छाल, दुर्गापुर, हाजीपुर, कोरबा, कुंजेमुरा, पटना, राउरकेला सहित 20 शहरों में प्रदूषण से स्थिति खराब है

By Lalit Maurya

On: Thursday 04 April 2024
 

देश में वायु प्रदूषण के समीकरण बदल रहे हैं, जहां कभी दिल्ली जैसे बड़े शहरों में प्रदूषण से हालात खराब रहा करते थे वहीं अब यह समस्या देश के छोटे शहरों को भी अपना शिकार बना रही है। देखा जाए तो इस बदलते समीकरण की गवाही आंकड़े भी देते हैं। आज जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में किशनगंज की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां प्रदूषण का स्तर पुदुचेरी से 11 गुणा ज्यादा है। यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक को देखें तो किशनगंज में एक्यूआई 271 दर्ज किया गया है। इसी तरह भरतपुर, बिलीपाड़ा, छाल, दुर्गापुर, हाजीपुर, कोरबा, कुंजेमुरा, पटना, राउरकेला सहित 20 शहरों में प्रदूषण से स्थिति खराब है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में मामूली कमी आई है।

दूसरी तरफ देश के 21 शहरों में हवा 'बेहतर' दर्ज की गई है। इन शहरों में अमरावती, बागलकोट, चामराजनगर, फिरोजाबाद, हल्दिया, झांसी, कोल्लम, मदिकेरी, ऊटी आदि शहर शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल के मुकाबले 27 फीसदी का इजाफा हुआ है। कल इन शहरों की संख्या 15 दर्ज की गई थी। इसी तरह देश के छोटे बड़े 91 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' बनी हुई है। इन शहरों की संख्या में भी कल से 12 फीसदी का इजाफा हुआ।
वहीं यदि देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा हुआ है। हालांकि इसके बावजूद वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बरकरार है। दूसरी तरफ फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 234 पर पहुंच गया है। आंकड़ों के अनुसार देश के 114 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है। इनमें भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छपरा, चित्तूर, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड़, हसन, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण आदि शहर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 244 में से 19 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 91 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 81 दर्ज किया गया था। 114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 20 शहरों आसनसोल, बारबिल, भरतपुर, बिलीपाड़ा, छाल, दुर्गापुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, किशनगंज, कोरबा, कुंजेमुरा, पटना, राउरकेला, रूपनगर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर और सुआकाती में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में किशनगंज में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 271 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 6 अंक बढ़कर 171 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 234, गाजियाबाद में 148, गुरुग्राम में 237, नोएडा में 167, ग्रेटर नोएडा में 231 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 89 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 123, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 118, हैदराबाद में 86, जयपुर में 119 और पटना में 234 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 35, बागलकोट 50, चामराजनगर 44, फिरोजाबाद 41, हल्दिया 50, झांसी 41, कोल्लम 50, मदिकेरी 39, ऊटी 50, पालकालाइपेरुर 28, पुदुचेरी 24, राजमहेंद्रवरम 30, राजगीर 38, रामनगर 50, रोहतक 50, सूरत 41, तिरुपति 50, तुमकुरु 39 और वाराणसी 44 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कटक, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जालंधर, जलना, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, महाड, मैहर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पानीपत, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, उदयपुर, वापी, वातवा , वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर, यमुनानगर आदि 91 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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