देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों में हुआ 12 फीसदी का इजाफा, दिल्ली में भी घटा प्रदूषण

आंकड़ों के मुताबिक देश के 14 शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता 'खराब' है, हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में गिरावट आई है

By Lalit Maurya

On: Tuesday 12 March 2024
 

देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि जहां कल जारी आंकड़ों में 81 शहरों की वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई थी, वहीं आज यह आंकड़ा बढ़कर 91 पर पहुंच गया है। इनमें तिरुपति, उदयपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर आदि शहर शामिल हैं। हालांकि जिन शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है, उनमें कल के मुकाबले गिरावट देखी गई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक आठ शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में तुमकुरु की स्थिति सबसे ज्यादा बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 31 दर्ज किया गया है।

यदि दिल्ली की बात करें तो देश की राजधानी में भी प्रदूषण में गिरावट देखी गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक में नौ अंकों की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ देश में नलबाड़ी में हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 267 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' है। इन शहरों में अगरतला (250), अंगुल (205), आसनसोल (223), बद्दी (226), बर्नीहाट (260), फरीदाबाद (216), ग्रेटर नोएडा (242), गुरूग्राम (207), गुवाहाटी (239), मंडी गोबिंदगढ़ (221), मुजफ्फरनगर (226), नलबाड़ी (267), परभनी (204) और रूपनगर (234) शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में भी गिरावट आई है। गौरतलब है कि कल देश के 23 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई थी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 248 में से आठ शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 81 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 मार्च 2024 यह आंकड़ा 91 दर्ज किया गया था। 135 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

वहीं 14 शहरों अगरतला (250), अंगुल (205), आसनसोल (223), बद्दी (226), बर्नीहाट (260), फरीदाबाद (216), ग्रेटर नोएडा (242), गुरूग्राम (207), गुवाहाटी (239), मंडी गोबिंदगढ़ (221), मुजफ्फरनगर (226), नलबाड़ी (267), परभनी (204) और रूपनगर (234) में स्थिति दमघोंटू है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स नौ अंक गिरकर 191 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 216, गाजियाबाद में 150, गुरुग्राम में 207, नोएडा में 164, ग्रेटर नोएडा में 242 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 111 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 105, चेन्नई में 77, चंडीगढ़ में 194, हैदराबाद में 83, जयपुर में 118 और पटना में 181 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज आठ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट (46), चेंगलपट्टू (49), झांसी (45), कडपा (50), कांचीपुरम (44), मदिकेरी (50), तुमकुरु (31) और वाराणसी (39) शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, चामराजनगर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावेरी, हिसार, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जालौर, जींद, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोच्चि, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कुरूक्षेत्र, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, नारनौल, नासिक, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामानगर, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उदयपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा और यादगीर आदि 91 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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