प्रदूषित शहरों की संख्या में जारी गिरावट का सिलसिला, केवल अररिया में बेहद खराब है 'वायु गुणवत्ता'

इसी तरह कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है

By Lalit Maurya

On: Wednesday 21 February 2024
 

देश में जो शहर प्रदूषण की समस्या से त्रस्त हैं उनमें गिरावट का सिलसिला आज भी जारी रहा। बता दें कि जहां बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या कल छह थी वो आज घटकर एक रह गई है। गौरतलब है कि अररिया में प्रदूषण का स्तर जानलेवा है, जहां वायु गुणवत्ता 330 दर्ज की गई है।

हालांकि देश के उन शहरों की संख्या आज भी कल जितनी है, जहां वायु गुणवत्ता दमघोंटू है। बता दें कि ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड़, जैसलमेर, करौली, किशनगंज, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नोएडा, और श्रीगंगानगर सहित 23 शहरों में आज भी हवा दमघोंटू बनी हुई है।

यदि दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले प्रदूषण में 19 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 245 पर पहुंच गया है। वहीं नाहरलगुन देश का सबसे साफ शहर है, जहां एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश एक छोटे बड़े 13 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीच दर्ज किया गया है।

कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा भी बढ़कर 104 से 111 पर पहुंच गया है। कुल मिलकर देखें तो कल के मुकाबले देश की वायु गुणवत्ता में आज सुधार हुआ है। हालांकि बड़े शहरों की तुलना में अभी भी छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 240 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि 19 फरवरी 2024 यह आंकड़ा 104 दर्ज किया गया था। 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

हापुड़-जैसलमेर सहित 23 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं अररिया (330) में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 19 अंक बढ़कर 245 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 209, गाजियाबाद में 202, गुरुग्राम में 213, नोएडा में 244, ग्रेटर नोएडा में 286 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 60 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 94, चेन्नई में 98, चंडीगढ़ में 237, हैदराबाद में 82, जयपुर में 153 और पटना में 167 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 42, चामराजनगर 42, झांसी 39, मदिकेरी 45, मैहर 25, नाहरलगुन 18, पालकालाइपेरुर 50, शिवसागर 29, सूरत 42, तुमकुरु 38, उडुपी 45, वाराणसी 28 और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बूंदी, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग , गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, खुर्जा, कोच्चि, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मंडीदीप, मानेसर, मंगलौर, मिलुपारा, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नारनौल, नासिक, पटियाला, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामानगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, रूपनगर, सागर, सलेम, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिरोही, टेंसा, ठाणे , तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, वेल्लोर, और विजयवाड़ा आदि 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

Subscribe to our daily hindi newsletter