धौलपुर, मुजफ्फरनगर, श्रीगंगानगर, बद्दी में जानलेवा रही हवा, 73 शहरों में संतोषजनक रहा स्तर

कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या घटकर आधी रह गई है

By Lalit Maurya

On: Friday 16 February 2024
 

देश के चार शहरों बद्दी (302), धौलपुर (350), मुजफ्फरनगर (328) और श्रीगंगानगर (350) में प्रदूषण का स्तर जानलेवा बना हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार है। कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या घटकर आधी रह गई है। वहीं दूसरी तरह देश में उन शहरों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जहां वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई। देश में जहां आज 36 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू बना हुआ है। वहीं कल यह आंकड़ा 29 दर्ज किया गया था। बता दें कि देश में हापुड़, हिसार, जलगांव, करौली, कोटा, नवी मुंबई, नोएडा, राजसमंद, सुआकाती, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, यमुनानगर सहित छोटे बड़े 36 शहरों में हवा खराब है।

वहीं जिन शहर में हवा बेहतर रही उनमें विजयपुरा सबसे ऊपर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 39 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 13 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 50 या उससे नीचे दर्ज की गई है। वहीं कल के मुकाबले देखें तो साफ हवा वाले इन शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसी तरह जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक रहा उनकी संख्या में भी इजाफा हुआ है। बता दें कि आज देश के 73 शहरों में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 238 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 73 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि कल यह आंकड़ा 67 दर्ज किया गया था। 112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

बीकानेर-हिसार सहित 36 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं बद्दी (302), धौलपुर (350), मुजफ्फरनगर (328) और श्रीगंगानगर (350) में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 10 अंक गिरकर 269 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 222, गाजियाबाद में 205, गुरुग्राम में 230, नोएडा में 240, ग्रेटर नोएडा में 282 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 191 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 146, चेन्नई में 84, चंडीगढ़ में 251, हैदराबाद में 73, जयपुर में 192 और पटना में 137 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 42, चामराजनगर 48, हावेरी 49, मदिकेरी 42, नाहरलगुन 47, ऊटी 47, पालकालाइपेरुर 47, सिलचर 47, तिरुपति 48, उडुपी 47, वाराणसी 41, विजयपुरा 39 और यादगीर 47 शामिल रहे।

वहीं आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग , गंगटोक, गया, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, कटिहार, खुर्जा, कोप्पल, लातूर, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंगेर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामानगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिरसा, सोलापुर, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुड़ी, त्रिशूर, वातवा, और विजयवाड़ा आदि 73 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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