चंडीगढ़ में बढ़कर जानलेवा हुआ प्रदूषण, छपरा-मुजफ्फरनगर में बिगड़ी हवा, दिल्ली में सुधार

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले एक बार फिर प्रदूषण में गिरावट देखी गई है, वहीं छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है

By Lalit Maurya

On: Monday 19 February 2024
 
चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 304 पर पहुंच गया है; फोटो: आईस्टॉक

चंडीगढ़ में बढ़ता प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। आज जारी आंकड़ों से पता चला है कि चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 16 अंक बढ़कर 304 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के चार अन्य शहरों अररिया (328), छपरा (304), मुजफ्फरनगर (329) और यमुनानगर (301) में भी हवा जानलेवा बनी हुई है। वहीं कल जानलेवा हवा वाले शहरों की संख्या तीन दर्ज की गई थी।

यदि दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले एक बार फिर प्रदूषण में गिरावट देखी गई है। वहीं दूसरी तरफ देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में एक्यूआई 50 या उससे नीचे दर्ज किया गया है। देश में मैहर, वाराणसी और विजयपुरा में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता 39 दर्ज की गई है। देश के 69 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है, जबकि कल यह आंकड़ा 67 दर्ज किया गया था

आंकड़ों के मुताबिक कल के मुकाबले देश में उन शहरों की संख्या में कमी आई है, जहां वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है। गौरतलब है कि जहां 39 शहरों में हवा दमघोंटू थी, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर 29 रहा गया है। इनमें अगरतला, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बारबिल, बारीपदा, भागलपुर, बर्नीहाट, देहरादून जैसे शहर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 229 में से 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 69 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि 18 फरवरी 2024 यह आंकड़ा 67 दर्ज किया गया था। 114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

गुवाहाटी-नयागढ़ सहित 29 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं अररिया (328), चंडीगढ़ (304), छपरा (304), मुजफ्फरनगर (329), और यमुनानगर (301) में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 38 अंक गिरकर 231 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 194, गाजियाबाद में 181, गुरुग्राम में 207, नोएडा में 202, ग्रेटर नोएडा में 246 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 111 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 121, चेन्नई में 86, चंडीगढ़ में 304, हैदराबाद में 93, जयपुर में 118 और पटना में 242 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 50, बेलगाम 49, चामराजनगर 45, कलबुर्गी 46, खुर्जा 46, मैहर 39, सिलचर 46, शिवसागर 40, तुमकुरु 43, उडुपी 48, वाराणसी 39, और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अरियालूर, बांसवाड़ा, बारां, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग , गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, झांसी, कन्नूर, कानपुर, कारवार, कोच्चि, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मानेसर, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामानगर, रामनाथपुरम, सागर, सतना, शिवमोगा, सिरोही, सिरसा, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, उदयपुर, और विजयवाड़ा आदि 69 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

Subscribe to our daily hindi newsletter