बड़े शहरों को पीछे छोड़ छोटे शहरों में प्रदूषण से बिगड़े हालात, हनुमानगढ़ में 378 पर पहुंचा एक्यूआई

इन शहरों में प्रदूषण का आलम यह है कि इन्होंने दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है

By Lalit Maurya

On: Thursday 15 February 2024
 

हनुमानगढ़-हापुड़-अररिया जैसे छोटे शहरों में प्रदूषण से हालात ज्यादा खराब हैं, जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। इन शहरों में प्रदूषण का आलम यह है कि इन्होंने दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है। ताजा आंकड़ों से पता चला है कि जहां हनुमानगढ़ अन्य सभी शहरों को पीछे छोड़ देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 378 दर्ज किया गया है।

इसी तरह अररिया (355), भिवाड़ी (325), बर्नीहाट (316), ग्रेटर नोएडा (310), हापुड़ (331), मुजफ्फरनगर (309) और नगांव (304) में प्रदूषण से हालात बेहद खराब हैं। वहीं देश के 29 अन्य शहरों में भी हवा दमघोंटू बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में कमी जरूर आई है।

गौरतलब है कि कल देश के 36 शहरों में प्रदूषण से हवा 'खराब' थी।

वहीं देश के साफ शहरों की बात करें तो कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में भी कमी आई है। बता दें कि जहां कल 16 शहरों में हवा बेहतर थी। वहीं आज यह आंकड़ा घटकर दस पर पहुंच गया है। आंकड़ों के मुताबिक देश में वाराणसी की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 33 दर्ज किया गया। हालांकि जहां 14 फरवरी को देश के 60 शहरों वायु गुणवत्ता संतोषजनक थी वहीं 15 फरवरी को यह आंकड़ा बढ़कर 67 पर पहुंच गया है।

यदि दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले प्रदूषण में 62 अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 279 पर पहुंच गया है। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में हवा दमघोंटू बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 214 में से 10 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 67 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि कल यह आंकड़ा 60 दर्ज किया गया था। 100 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

धारूहेड़ा-गुवाहाटी सहित 29 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं मुजफ्फरनगर-भिवाड़ी सहित देश के आठ शहरों में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 62 अंक गिरकर 279 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 207, गाजियाबाद में 217, गुरुग्राम में 204, नोएडा में 260, ग्रेटर नोएडा में 310 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 124 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 167, चेन्नई में 88, चंडीगढ़ में 215, हैदराबाद में 74, जयपुर में 170 और पटना में 181 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 10 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 45, बागलकोट 42, चामराजनगर 44, कलबुर्गी 50, मदिकेरी 42, पालकालाइपेरुर 44, सिलचर 44, तुमकुरु 39, उडुपी 49 और वाराणसी 33 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, कन्नूर, करनाल, कारवार, काशीपुर, खुर्जा, कोच्चि, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मैहर, मुंगेर, मैसूर, नासिक, परभनी, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामानगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सासाराम, सतना, शिवमोगा, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथकुड़ी, तिरुपति, तुमिडीह, विजयपुरा, विजयवाड़ा, और यादगीर आदि 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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