दौसा को पीछे छोड़ प्रदूषण के मामले में पहले स्थान पर पहुंचा ग्रेटर नोएडा, अमरावती में सबसे साफ है हवा

इसी तरह प्रदूषण के मामले में धौलपुर दूसरे और गुरूग्राम तीसरे स्थान पर रहा। बता दें कि जहां धौलपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 वहीं गुरूग्राम में 273 रिकॉर्ड किया गया

By Lalit Maurya

On: Tuesday 21 May 2024
 

देश में वायु प्रदूषण के मामले में दौसा को पीछे छोड़ ग्रेटर नोएडा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 25 अंकों के उछाल के साथ 309 पर पहुंच गया है। वहीं कल देश के सबसे प्रदूषित शहर रहे दौसा के प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह प्रदूषण के मामले में धौलपुर दूसरे और गुरूग्राम तीसरे स्थान पर रहा। बता दें कि जहां धौलपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 वहीं गुरूग्राम में 273 रिकॉर्ड किया गया। दूसरी तरफ देश में अमरावती की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 18 दर्ज किया गया।

ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो जहां देश के छोटे बड़े 18 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इन शहरों में आसनसोल (232), बद्दी (236), बहादुरगढ़ (201), बल्लभगढ़ (208), बांसवाड़ा (228), बारबिल (224), भरतपुर (223), बर्नीहाट (204), दिल्ली (239), धौलपुर (300), फरीदाबाद (243), गाजियाबाद (201), गुरूग्राम (273), हिसार (219), कैथल (208), मंडी गोबिंदगढ़ (271), नोएडा (251) और श्रीगंगानगर (252) शामिल रहे। कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 33 फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि कल इन शहरों की संख्या 12 दर्ज की गई थी। राजधानी दिल्ली की स्थिति को देखें तो वहां भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 13 अंक बढ़कर 239 पर पहुंच गया। इसी तरह फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी कल से गिरावट आई है, जहां एक्यूआई में 45 अंकों का उछाल दर्ज दिया गया है।

दूसरी तरफ देश में अमरावती में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। यदि अमरावती में प्रदूषण की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा से करें तो वहां हवा 17 गुणा साफ है। इसी तरह देश 34 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। यदि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। ऐसा ही कुछ संतोषजनक हवा वाले शहरों के साथ भी हुआ है, जिनकी संख्या में कल से दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों की संख्या 92 बनी हुई है। इनमें अंबाला, अमरावती, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर आदि शहर शामिल हैं।
देश के 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है। इन शहरों में बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, धनबाद, धारूहेड़ा, धुले, गडग, ग्वालियर आदि शहर शामिल रहे। कल से देखें तो इन शहरों के आंकड़े में आठ फीसदी की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 221 में से 35 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 मई 2024 यह आंकड़ा 94 दर्ज किया गया था।

75 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 18 शहरों आसनसोल, बद्दी, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, भरतपुर, बर्नीहाट, दिल्ली, धौलपुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हिसार, कैथल, मंडी गोबिंदगढ़, नोएडा, श्रीगंगानगर आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (309) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 13 अंक बढ़कर 239 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 243, गाजियाबाद में 201, गुरुग्राम में 273, नोएडा में 251, ग्रेटर नोएडा में 309 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 66 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 123, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 147, हैदराबाद में 59, जयपुर में 142 और पटना में 122 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

अमरावती (18) सहित देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 46, बरेली 36, बैरकपुर 43, बेलगाम 39, बेंगलुरु 50, चामराजनगर 44, चिकबलपुर 24, कोयंबटूर 40, कुड्डालोर 30, कटक 49, देवास 48, गांधीनगर 48, गुम्मिडिपूंडी 39, हल्दिया 38, हसन 27, हावेरी 49, हावड़ा 50, कलबुर्गी 41, कारवार 29, कटिहार 48, कोलार 29, कोलकाता 42, मदिकेरी 32, मिलुपारा 45, मैसूर 32, पालकालाइपेरुर 29, पुदुचेरी 37, रायरंगपुर 45, रामनगर 43, रामनाथपुरम 25, तिरुपति 34, वाराणसी 29, विशाखापत्तनम 48, यादगीर 41 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अंबाला, अमरावती, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जलना, कल्याण, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, टेंसा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

दूसरी तरफ देश में अमरावती में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। यदि अमरावती में प्रदूषण की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा से करें तो वहां हवा 17 गुणा साफ है। इसी तरह देश 34 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। यदि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। ऐसा ही कुछ संतोषजनक हवा वाले शहरों के साथ भी हुआ है, जिनकी संख्या में कल से दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों की संख्या 92 बनी हुई है। इनमें अंबाला, अमरावती, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर आदि शहर शामिल हैं।
देश के 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है। इन शहरों में बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, धनबाद, धारूहेड़ा, धुले, गडग, ग्वालियर आदि शहर शामिल रहे। कल से देखें तो इन शहरों के आंकड़े में आठ फीसदी की गिरावट आई है।

Subscribe to our daily hindi newsletter