बड़े शहरों को पीछे छोड़ सूरत-नंदेसरी सहित आठ शहरों में दमघोंटू है हवा, वाराणसी से सात गुणा है प्रदूषण

आंकड़ों की मानें तो देश में नंदेसरी (243) की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां प्रदूषण का स्तर वाराणसी से सात गुणा ज्यादा खराब है

By Lalit Maurya

On: Friday 29 March 2024
 

देश में दिल्ली- मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ आठ शहरों में हालात दमघोंटू हैं। इन शहरों में अंगुल (209), बारबिल (235), बर्नीहाट (215), नंदेसरी (243), नयागढ़ (237), रूपनगर (208), सुआकाती (223) और सूरत (206) शामिल हैं। जहां प्रदूषण का स्तर 'खराब' है। आंकड़ों की मानें तो देश में नंदेसरी (243) की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां प्रदूषण का स्तर वाराणसी से सात गुणा ज्यादा खराब है। गौरतलब है कि वाराणसी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 32 दर्ज किया गया है। देश में पालकालाइपेरुर में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 28 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश में धारवाड़-गंगटोक सहित 20 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। वहीं कल इन शहरों की संख्या 25 दर्ज की गई थी।

वहीं दूसरी तरफ देश में बेंगलुरु-आगरा सहित 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' बनी हुई है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता 50 से 100 के बीच है। हालांकि कल संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 104 दर्ज की गई थी। इसका मतलब है कि आज इन शहरों की संख्या में कमी आई है। यदि दिल्ली की बात करें तो वहां कल के मुकाबले प्रदूषण में इजाफा हुआ है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 16 अंक बढ़कर 176 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। देश में 119 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी का है। कल इन शहरों का आंकड़ा 113 दर्ज किया गया था।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से 20 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 मार्च 2024 यह आंकड़ा 104 दर्ज किया गया था। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं आठ शहरों अंगुल (209), बारबिल (235), बर्नीहाट (215), नंदेसरी (243), नयागढ़ (237), रूपनगर (208), सुआकाती (223) और सूरत (206) में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 243 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 16 अंक बढ़कर 176 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 185, गाजियाबाद में 128, गुरुग्राम में 173, नोएडा में 155, ग्रेटर नोएडा में 180 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 88 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 134, चेन्नई में 58, चंडीगढ़ में 122, हैदराबाद में 87, जयपुर में 111 और पटना में 140 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 50, अमरावती 40, अरियालूर 43, बागलकोट 47, बठिंडा 46, कुड्डालोर 41, धारवाड़ 42, गंगटोक 46, हल्दिया 49, झांसी 37, मदिकेरी 50, नारनौल 45, पालकालाइपेरुर 28, पंचकुला 47, पुदुचेरी 34, राजमहेंद्रवरम 39, सोनीपत 40, तिरुपति 50, वाराणसी 32 और विरुधुनगर 48 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जालंधर, झुंझुनूं, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करनाल, कारवार, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नासिक, ऊटी, पानीपत, पटियाला, प्रतापगढ़, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, उडुपी, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर, और यमुनानगर आदि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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