अन्य को पीछे छोड़ बर्नीहाट-सुआकाती में जानलेवा हुआ प्रदूषण, 11 शहरों में दमघोंटू है हवा

जहां बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक  305 दर्ज किया गया है। वहीं सुआकाती में एक्यूआई 301 है

By Lalit Maurya

On: Tuesday 02 April 2024
 

देश में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ बर्नीहाट और सुआकाती में प्रदूषण से हालात जानलेवा हैं। गौरतलब है कि जहां बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 दर्ज किया गया है। वहीं सुआकाती में एक्यूआई 301 है। इसी तरह छोटे-बड़े 11 शहरों में प्रदूषण से स्थिति दमघोंटू हैं। इन शहरों में प्रदूषण का स्तर 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया है। इन शहरों में अंगुल (207), बारीपदा (245), भिवानी (277), बिलीपाड़ा (209), ब्यासनगर (255), दुर्गापुर (224), हाजीपुर (227), मंडी गोबिंदगढ़ (241), नंदेसरी (236), पटना (213) और श्रीगंगानगर (253) शामिल हैं। गौरतलब है कि कल 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या सात दर्ज की गई थी।

वहीं दूसरी तरफ कुड्डालोर में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 दर्ज किया गया है। यदि बर्नीहाट से तुलना करें तो कुड्डालोर में वायु गुणवत्ता 22 गुणा साफ है। इसी तरह देश के छोटे बाद 19 शहरों में हवा 'बेहतर' बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में गिरावट आई है। कल इन शहरों का आंकड़ा 23 दर्ज किया गया था।
यदि देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो वायु गुणवत्ता सूचकांक 11 अंक बढ़कर 144 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में 15 अंकों का इजाफा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक देश के 91 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। कल इन शहरों का आंकड़ा 105 रिकॉर्ड किया गया था। यदि देश में मध्यम श्रेणी वाले शहरों को देखें तो उनका आंकड़ा 123 दर्ज किया गया है। वहीं कल इन शहरों की संख्या 97 रिकॉर्ड की गई थी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 19 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 91 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 105 दर्ज किया गया था। 123 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 11 शहरों अंगुल (207), बारीपदा (245), भिवानी (277), बिलीपाड़ा (209), ब्यासनगर (255), दुर्गापुर (224), हाजीपुर (227), मंडी गोबिंदगढ़ (241), नंदेसरी (236), पटना (213) और श्रीगंगानगर (253) में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 11 अंक बढ़कर 144 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 110, गाजियाबाद में 114, गुरुग्राम में 156, नोएडा में 115, ग्रेटर नोएडा में 146 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 160 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 102, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 98, हैदराबाद में 95, जयपुर में 116 और पटना में 213 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 47, अरियालूर 37, बागलकोट 50, चामराजनगर 46, चिक्कामगलुरु 47, कुड्डालोर 14, फिरोजाबाद 49, झांसी 28, मदिकेरी 41, पालकालाइपेरुर 28, पंचकुला 46, पुदुचेरी 30, राजमहेंद्रवरम 32, राजगीर 37, रामानगर 48, रोहतक 50, शिवसागर 46, तुमकुरु 45, और वाराणसी 34 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, औरंगाबाद (बिहार), बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, एलूर, फतेहाबाद, गडग , गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड़, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जालंधर, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नारनौल, नासिक, ऊटी, पलवल, पानीपत, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, सोनीपत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तुमिडीह, उडुपी, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर और यमुनानगर आदि 105 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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