दूसरे शहरों को पीछे छोड़ मैहर में सबसे साफ रही हवा, वहीं बर्नीहाट में सबसे ज्यादा रहा प्रदूषण

प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट पहले स्थान पर है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 365 दर्ज किया गया है। यहां मौजूद प्रदूषण मैहर से करीब 14 गुणा ज्यादा है।

By Lalit Maurya

On: Wednesday 07 February 2024
 

देश के अन्य शहरों को पीछे छोड़ मैहर सबसे साफ शहर बन गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 27 दर्ज किया गया। इसी तरह देश के 14 अन्य छोटे बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे कम दर्ज किया गया है। वहीं देश के 103 अन्य शहरों में प्रदूषण की स्थिति संतोषजनक रही। यदि दिल्ली की बात करें तो कल के मुकाबले प्रदूषण में 34 अंकों का इजाफा जरूर हुआ है, लेकिन इसके बावजूद राजधानी में हवा मध्यम श्रेणी की है।

वहीं इसके विपरीत प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट पहले स्थान पर है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 365 दर्ज किया गया है। जो इंगित करता है कि इस शहर में वायु गुणवत्ता जानलेवा बनी हुई है। यदि यहां मौजूद प्रदूषण की तुलना मैहर से करें तो वो करीब 14 गुणा ज्यादा है। इसी तरह देश के 15 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू दर्ज की गई है। इन शहरों में अगरतला, अंगुल, बल्लभगढ़, बारीपदा, भिवाड़ी, बक्सर, ब्यासनगर, कटक, धौलपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, नलबाड़ी, रूपनगर, श्रीगंगानगर और वापी शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 248 में से 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

अगरतला-बक्सर सहित 15 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं बर्नीहाट (365) में हवा जानलेवा बनी हुई है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 34 अंक बढ़कर 175 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 175, गाजियाबाद में 124, गुरुग्राम में 157, नोएडा में 128, ग्रेटर नोएडा में 163 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 115 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 87, चेन्नई में 109, चंडीगढ़ में 127, हैदराबाद में 79, जयपुर में 120 और पटना में 131 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अंबाला 49, बागलकोट 47, चामराजनगर 46, गडग 50, कडपा 46, खुर्जा 34, मदिकेरी 40, मैहर 27, नाहरलगुन 44, ऊटी 39, शिवसागर 45, तिरुपति 44, वाराणसी 48 और विजयपुरा 49 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, बागपत, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बूंदी, चेंगलपट्टू, छाल, चिक्कामगलुरु, चुरू, दावनगेरे, देहरादून, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, हसन, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, झालावाड़, झांसी, जींद, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नारनौल, पाली, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामानगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सोनीपत, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी , त्रिशूर, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उडुपी, वातवा, विजयवाड़ा, यादगीर, और यमुनानगर आदि 103 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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