दिल्ली ही नहीं छोटे-बड़े 53 शहरों में जानलेवा बनी हवा, 85 अन्य शहरों में खराब हैं हालात

दिवाली के बाद सिर्फ दिल्ली-फरीदाबाद जैसे बड़े शहर ही नहीं हनुमानगढ़, हिसार, झुंझुनूं, जींद, कैथल जैसे 53 शहरों में वायु गुणवत्ता जानलेवा बनी हुई है

By Lalit Maurya

On: Tuesday 14 November 2023
 

दिवाली के बाद सिर्फ दिल्ली-फरीदाबाद जैसे बड़े शहर ही नहीं हनुमानगढ़, हिसार, झुंझुनूं, जींद, कैथल जैसे 53 शहरों में वायु गुणवत्ता जानलेवा बनी हुई है। वहीं 85 अन्य शहरों में हालात खराब हैं जहां प्रदूषण का स्तर 200 के पार है। कुछ शहरों में तो स्थिति इतनी खराब हो चली है कि वहां सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल दिवाली पर दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबन्ध लगा दिया था, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने पटाखे जलाए हैं, जिसका असर साफ तौर पर हवा में देखा जा सकता है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 नवंबर 2023 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के 245 में से महज पांच शहरों में हवा 'बेहतर' रही। वहीं केवल 27 शहरों की श्रेणी 'संतोषजनक' थी जबकि 75 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' रही। वहीं अमृतसर-चेन्नई सहित 85 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू रहा, जबकि बेगूसराय-बल्लभगढ़ सहित 53 शहरों में प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो गया है। कुल मिलकर देखें तो इन शहरों में स्थिति ऐसी हो गई है जैसे वो कोई गैस चैम्बर हैं।

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां की वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 358 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 370, गाजियाबाद में 329, गुरुग्राम में 349, नोएडा में 363, ग्रेटर नोएडा में 342 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 193 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 213, चेन्नई में 245, चंडीगढ़ में 232, हैदराबाद में 171, जयपुर में 218 और पटना में 333 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन पांच शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 50, कोहिमा 48, मदिकेरी 44, ऊटी 33 और सिलचर 40 आदि शामिल रहे।

वहीं बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, दमोह, धारवाड़, एलूर, गंगटोक, हसन, हुबली, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कोरबा, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूर, नाहरलगुन, रायपुर, ऋषिकेश, शिलांग, शिवमोगा, शिवसागर, श्रीनगर, त्रिशूर और विजयपुरा आदि 27 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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