देश में 32 फीसदी बढ़ा साफ हवा वाले शहरों का आंकड़ा, दिल्ली में भी प्रदूषण में आई गिरावट

देश में वाराणसी की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया है

By Lalit Maurya

On: Thursday 21 March 2024
 
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देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा बढ़कर 25 पर पहुंच गया है, जो कल के मुकाबले 32 फीसदी अधिक है। आंकड़ों की मानें तो देश में वाराणसी की हवा सबसे ज्यादा बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 21 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश में उन शहरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक है। बता दें कि देश के 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। वहीं कल इन शहरों की संख्या 93 दर्ज की गई थी।

वहीं दूसरी तरफ विरार में प्रदूषण से हालात सबसे ज्यादा बेहाल हैं। वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 302 पर पहुंच गया है। जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि वहां हवा में घुला जहर जानलेवा हो चुका है। हालांकि यदि दिल्ली से जुड़े आंकड़ों के देखें तो कल के मुकाबले प्रदूषण में गिरावट आई है। देश की राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 अंकों की गिरावट के साथ 170 पर पहुंच गया है।
इसी तरह देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है। इन शहरों में बदलापुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, जलना, नंदेसरी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, रोहतक, श्रीगंगानगर, ठाणे, उल्हासनगर शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में कमी आई है। इसी तरह देश के 91 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी का दर्ज किया गया है। कुल मिलकर देखें तो देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 106 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 मार्च 2024 यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था। 91 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 11 शहरों बदलापुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, जलना, नंदेसरी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, रोहतक, श्रीगंगानगर, ठाणे, उल्हासनगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में विरार (302) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 59 अंक गिरकर 170 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 221, गाजियाबाद में 125, गुरुग्राम में 172, नोएडा में 155, ग्रेटर नोएडा में 202 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 130 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 100, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 142, हैदराबाद में 77, जयपुर में 124 और पटना में 63 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आरा 34, बागलकोट 46, बारीपदा 32, भिलाई 44, बिलासपुर 32, चामराजनगर 50, चेंगलपट्टू 45, छाल 41, छपरा 48, चिक्कामगलुरु 48, गुम्मिडिपूंडी 48, झांसी 48, कडपा 45, करौली 50, मैहर 37, मुजफ्फरपुर 43, नगांव 48, नयागढ़ 40, पुदुचेरी 39, रायरंगपुर 43, राजमहेंद्रवरम 45, तुमकुरु 39, तुमिडीह 48, वाराणसी 21 और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अंबाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आसनसोल, बालासोर, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भुवनेश्वर, बीदर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड़, हसन, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मानेसर, मंगलौर, मुरादाबाद, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पंचकुला, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर और यमुनानगर आदि 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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