खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या हुई दोगुनी, दिल्ली में भी दमघोंटू हुई हवा

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 61 अंक बढ़कर 208 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां एक बार फिर हवा दमघोंटू हो गई है

By Lalit Maurya

On: Friday 01 March 2024
 
फोटो साभार :सीएसई

देश में कल जारी आंकड़ों के मुकाबले आज खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। गौरतलब है कि जहां कल जारी आंकड़ों में आठ शहरों की हवा खराब बताई गई थी। वहीं आज यह आंकड़ा बढ़कर 16 पर पहुंच गया है। इसी तरह दिल्ली में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 61 अंक बढ़कर 208 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में एक बार फिर हवा दमघोंटू हो गई है। इसी तरह देश में अगरतला, अंगुल, बद्दी, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारीपदा, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, रूपनगर और वातवा में ही वायु गुणवत्ता का स्तर 200 के पार है।

वहीं देश में जानलेवा हवा वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले इनकी संख्या में इजाफा हुआ है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में बर्नीहाट (323) और श्रीगंगानगर (319) में वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब बना हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में वाराणसी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 34 दर्ज किया गया है। हालांकि कल के मुकाबले वहां भी वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 16 अन्य शहरों में भी हवा बेहतर बनी हुई है, जबकि साफ हवा वाले शहरों का यह आंकड़ा कल 13 दर्ज किया गया था। आंकड़ों से यह भी पता चला है कि देश में 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों की संख्या में कल के मुकाबले गिरावट आई है। इसी तरह देश में 123 शहर ऐसा हैं जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 101 से 200 के बीच है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 254 में से 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि 29 फरवरी 2024 यह आंकड़ा 119 दर्ज किया गया था। 123 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

गुवाहाटी-नंदेसरी सहित 16 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं बर्नीहाट (323) और श्रीगंगानगर (319) में स्थिति जानलेवा है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 61 अंक बढ़कर 208 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 157, गाजियाबाद में 159, गुरुग्राम में 227, नोएडा में 175, ग्रेटर नोएडा में 198 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 118 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 109, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 181, हैदराबाद में 84, जयपुर में 114 और पटना में 160 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 42, बिलासपुर 50, चामराजनगर 48, छाल 46, फिरोजाबाद 48, झांसी 38, कडपा 46, मडिकेरी 46, मानेसर 44, मिलुपारा 45, ऊटी 37, पालकालाइपेरुर 50, रामानगर 41, तुमकुरु 36, वाराणसी 34, और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बीदर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, एलूर, गडग, गंगटोक, गया, गोरखपुर, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जालंधर, झालावाड़, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, कारवार, खुर्जा, कोच्चि, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पंचकुला, पानीपत, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, विजयवाड़ा और यादगीर आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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