देश में दोगुना हुआ 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा, दिल्ली में भी बढ़ा प्रदूषण

भारत के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर की बात करें तो बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 346 पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Tuesday 09 April 2024
 

देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। कल जहां इन शहरों की संख्या सात दर्ज की गई थी, वहीं आज यह आंकड़ा बढ़कर 14 पर पहुंच गया है। इन शहरों में अगरतला (211), बल्लभगढ़ (234), भिवाड़ी (202), धारूहेड़ा (223), फरीदाबाद (244), ग्रेटर नोएडा (277), गुरूग्राम (283), गुवाहाटी (224), जलगांव (205), किशनगंज (209), नलबाड़ी (213), नंदेसरी (232), नोएडा (212) और श्रीगंगानगर (277) शामिल रहे। देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर की बात करें तो बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 346 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ देश बिलासपुर में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 25 दर्ज किया गया है। यदि बर्नीहाट में प्रदूषण की तुलना बिलासपुर से करें तो वहां प्रदूषण का स्तर 14 गुणा ज्यादा है।

इसी तरह कल के मुकाबले देश की राजधानी दिल्ली में भी प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 200 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी एक्यूआई में 68 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता दमघोंटू हो गई है। दूसरी तरफ देश के 19 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों की संख्या में कल से कोई बदलाव नहीं आया है। हालांकि कल के मुकाबले संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में गिरावट आई है। जहां कल इन शहरों की संख्या 113 थी, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर 97 रह गया है। इसी तरह देश के 116 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है। इन शहरों की संख्या में कल से बढ़ोतरी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 247 में से 19 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया था। 116 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 14 शहरों अगरतला, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, जलगांव, किशनगंज, नलबाड़ी, नंदेसरी, नोएडा और श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 346 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 10 अंक बढ़कर 200 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 244, गाजियाबाद में 180, गुरुग्राम में 283, नोएडा में 212, ग्रेटर नोएडा में 277 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 93 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 124, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 98, हैदराबाद में 84, जयपुर में 116 और पटना में 155 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

वाराणसी सहित देश के जिन 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 50, बेलगाम 49, भिलाई 40, बिलासपुर 25, चामराजनगर 45, छाल 39, कुड्डालोर 45, झांसी 33, कडपा 47, ऊटी 46, पालकालाइपेरुर 28, पंचकुला 48, पुदुचेरी 44, राजगीर 35, रामनगर 49, रामनाथपुरम 41, सूरत 42, वाराणसी 29, विजयपुरा 42 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अंकलेश्वर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेंगलुरु, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जींद, कैथल, कलबुर्गी, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मंगलौर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नारनौल, नासिक, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सोनीपत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा और विरुधुनगर आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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