देश में 64 फीसदी बढ़ी खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या, 13 शहरों में साफ रह गई है हवा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आज जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में मैसूर, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सूरत, वाराणसी सहित 13 शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है

By Lalit Maurya

On: Friday 26 April 2024
 

भारत में 64 फीसदी की वृद्धि के साथ 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या बढ़कर 23 पर पहुंच गई है। इन शहरों में आसनसोल (265), बल्लभगढ़ (269), बारबिल (228), भिवाड़ी (259), बिलीपाड़ा (237), बर्नीहाट (270), दौसा (203), धारूहेड़ा (219), दुर्गापुर (205), फरीदाबाद (219), गाजियाबाद (203), ग्रेटर नोएडा (240), गुरूग्राम (291), हाजीपुर (276), किशनगंज (238), नयागढ़ (211), नोएडा (223), पटना (262), समस्तीपुर (227), सिंगरौली (226), श्रीगंगानगर (272), तालचेर (206), तुमिडीह (210) शामिल हैं। कल इन शहरों की संख्या 14 दर्ज की गई थी। इसी तरह दिल्ली के आसपास के कई शहर भी प्रदूषण से त्रस्त हैं। यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर की बात करें तो गुरूग्राम में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 291 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ देश में पुदुचेरी में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 33 दर्ज किया गया है। यदि इन दोनों शहरों के बीच प्रदूषण की तुलना करें तो गुरूग्राम में हवा करीब नौ गुणा ज्यादा खराब है।

वहीं देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल की तुलना में प्रदूषण के स्तर में चार अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 195 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में 21 अंकों की बढ़ोतरी के साथ प्रदूषण का स्तर दमघोंटू हो चुका है। आंकड़ों के मुताबिक देश में 'बेहतर' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से 23.5 फीसदी की गिरावट आई है। इसके बाद देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा घटकर 13 रह गया है। इनमें रामनाथपुरम, सूरत, वाराणसी, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं।
देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो इनकी संख्या बढ़कर 102 पर पहुंच गई है। कल से इन शहरों के आंकड़े में सात फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं दूसरी तरफ देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में नौ फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों की संख्या 115 से घटकर 105 पर पहुंच गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 243 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया था।

105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 23 शहरों आसनसोल, बल्लभगढ़, बारबिल, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, बर्नीहाट, दौसा, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, किशनगंज, नयागढ़, नोएडा, पटना, समस्तीपुर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, तालचेर, और तुमिडीह में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (291) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स चार अंक बढ़कर 195 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 219, गाजियाबाद में 203, गुरुग्राम में 291, नोएडा में 223, ग्रेटर नोएडा में 240 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 84 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 142, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 113, हैदराबाद में 75, जयपुर में 120 और पटना में 262 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

वाराणसी सहित देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 36, बागलकोट 50, बठिंडा 36, चामराजनगर 49, मदिकेरी 43, मैसूर 43, पालकलाईपेरुर 35, पुदुचेरी 33, राजमहेंद्रवरम 43, रामनाथपुरम 44, सूरत 43, वाराणसी 35 और विजयपुरा 42 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बदलापुर, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, गडग, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मुंबई, नगांव, नागपुर, नारनौल, नासिक, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, रामनगर, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, टेंसा, ठाणे , तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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