सभी शहरों को पीछे छोड़ कुड्डालोर में जानलेवा हुई हवा, रामनाथपुरम से 16 गुणा ज्यादा रहा प्रदूषण

जहां कुड्डालोर में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा है, वहीं रामनाथपुरम में हवा सबसे ज्यादा साफ है

By Lalit Maurya

On: Friday 05 April 2024
 

देश में कुड्डालोर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 329 पर पहुंच गया है। यदि कुड्डालोर में प्रदूषण की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वहां प्रदूषण का स्तर 16 गुणा ज्यादा है। गौरतलब है कि रामनाथपुरम की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया है। देश में आसनसोल, बल्लभगढ़, बारबिल, भरतपुर, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, छाल, छपरा, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, नयागढ़, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राउरकेला, श्रीगंगानगर, सुआकाती, और टेंसा सहित 21 शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू है। कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। कल इन शहरों का आंकड़ा 20 दर्ज किया गया था।

यदि राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां भी कल के मुकाबले प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 173 पर पहुंच गया है। वहीं फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 34 अंकों की गिरावट के बाद सूचकांक 196 दर्ज किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक देश के 116 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है। कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश के छोटे बड़े 16 शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में 16 फीसदी की गिरावट आई है। कल इन शहरों का आंकड़ा 19 दर्ज किया गया था। देश के 98 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में काशीपुर, खन्ना, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मानेसर, मुंबई आदि शहर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में 7.7 फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 252 में से 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 91 दर्ज किया गया था। 116 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 21 शहरों आसनसोल, बल्लभगढ़, बारबिल, भरतपुर, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, छाल, छपरा, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, नयागढ़, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राउरकेला, श्रीगंगानगर, सुआकाती, और टेंसा में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में कुड्डालोर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 329 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स दो अंक बढ़कर 173 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 196, गाजियाबाद में 177, गुरुग्राम में 248, नोएडा में 156, ग्रेटर नोएडा में 240 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 91 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 119, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 105, हैदराबाद में 86, जयपुर में 154 और पटना में 235 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

वाराणसी सहित देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 44, अंबाला 48, बागलकोट 50, चामराजनगर 41, हल्दिया 42, मदिकेरी 49, मैसूर 48, पालकालाइपेरुर 28, पंचकुला 39, पुदुचेरी 27, राजमहेंद्रवरम 33, रामनगर 45, रामनाथपुरम 21, सूरत 45, तुमकुरु 41, और वाराणसी 43 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बीदर, बिहारशरीफ, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जालंधर, जलना, झांसी, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मानेसर, मुंबई, नगांव, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पानीपत, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, रूपनगर, सागर, सांगली, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, ठाणे , तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, यादगीर, यमुनानगर आदि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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