दिल्ली-फरीदाबाद में एक बार फिर दमघोंटू हुई हवा, जलना में भी सांस लेना हुआ दुश्वार

दिल्ली की हवा में एक बार फिर बदलाव आ रहा है। इसकी वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 66 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद एक्यूआई बढ़कर 232 पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Saturday 23 March 2024
 
देश की राजधानी दिल्ली में अपने बच्चे के साथ फुटपाथ पर आराम करती बेघर महिला; फोटो: आईस्टॉक

दिल्ली में हवा फिर बदल रही है। यही वजह है कि प्रदूषण में 66 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 232 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी एक्यूआई में 99 अंकों की बढ़ोतरी देखी गई है, जिसे बाद वहां सूचकांक बढ़कर 275 पर पहुंच गया है। इसी तरह जलना में भी प्रदूषण से हालात खराब हैं, जहां सांस लेना दुश्वार सा हो गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 24 शहरों में हवा दमघोंटू है। इन शहरों में दिल्ली-फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों के साथ बदलापुर, बल्लभगढ़, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बक्सर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, छपरा, धारूहेड़ा, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नांदेड़, नंदेसरी, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड और श्रीगंगानगर शामिल हैं।

वहीं दूसरी तरफ अमरावती-बागलकोट सहित 15 अन्य शहर शामिल हैं। आंकड़ों की मानें तो देश में धारवाड़ में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 27 दर्ज किया गया है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में गिरावट आई है। गौरतलब है कि कल 25 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई थी। इसी तरह देश में सन्तोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में गिरावट आई है। इन शहरों की संख्या कल 108 से घटकर आज 88 रह गई है। इन शहरों में आगरा-अंबाला सहित अन्य छोटे बड़े शहर शामिल हैं। इसी तरह देश के 120 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की बनी हुई है। इन शहरों की संख्या में कल से इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 247 में से 15 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 88 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 मार्च 2024 यह आंकड़ा 108 दर्ज किया गया था। 120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 24 शहरों बदलापुर, बल्लभगढ़, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बक्सर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, छपरा, धारूहेड़ा, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नांदेड़, नंदेसरी, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड और श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में जलना में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के करीब है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 66 अंक बढ़कर 232 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 275, गाजियाबाद में 185, गुरुग्राम में 259, नोएडा में 198, ग्रेटर नोएडा में 278 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 102 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 156, चेन्नई में 73, चंडीगढ़ में 134, हैदराबाद में 85, जयपुर में 152 और पटना में 216 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 15 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 45, बागलकोट 46, चामराजनगर 46, धारवाड़ 27, झांसी 40, मैहर 47, नाहरलगुन 41, पालकालाइपेरुर 43, पंचकुला 38, पुदुचेरी 47, राजमहेंद्रवरम 49, रामनगर 46, सिलचर 47, थूथुकुडी 46 और वाराणसी 31 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बरेली, बेंगलुरु, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, डूंगरपुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग , हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जालंधर, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, करनाल, कारवार, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मदिकेरी, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूर, नगांव, नारनौल, नासिक, नयागढ़, प्रतापगढ़, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तुमिडीह, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, और यादगीर आदि 108 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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