दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण से जानलेवा हुई हवा, 50 अन्य शहरों में बिगड़े हालात

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 313 पर पहुंच गया है, जिसका मतलब है कि यहां हवा बेहद खराब है

By Lalit Maurya

On: Monday 12 February 2024
 

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक बार फिर हावी हो गया है। आलम यह है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 313 पर पहुंच गया है, जिसका मतलब है कि हवा बेहद खराब है। इसी तरह देश के छोटे बड़े अन्य 10 शहरों में भी प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो गया है। यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर को देखें तो बक्सर में हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 389 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह अररिया (301), बर्नीहाट (320), ग्रेटर नोएडा (331), गुरूग्राम (324), हनुमानगढ़ (306), हापुड़ (336), मुजफ्फरनगर (331), नोएडा (307) और श्रीगंगानगर (305) में भी प्रदूषण से हालात खराब हैं।

वहीं दूसरी तरफ ऊटी में हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के नौ अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है। देश के 40 अन्य शहरों में भी स्थिति दमघोंटू बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता 200 से 300 के बीच दर्ज की गई।  इसी तरह देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या जो 10 फरवरी को 111 थी वो घटकर 71 रह गई है। कुल मिलकर देखें तो देश में प्रदूषण एक बार फिर बढ़ने लगा है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से 10 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

सोनीपत-पटना सहित 40 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं मुजफ्फरनगर-श्रीगंगानगर सहित देश के 11 शहरों में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 18 अंक बढ़कर 313 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 249, गाजियाबाद में 266, गुरुग्राम में 324, नोएडा में 307, ग्रेटर नोएडा में 331 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 121 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 136, चेन्नई में 100, चंडीगढ़ में 293, हैदराबाद में 84, जयपुर में 176 और पटना में 272 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 10 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 48, चामराजनगर 45, कडपा 49, कलबुर्गी 40, मदिकेरी 36, मैहर 46, ऊटी 21, सिलचर 42, तुमकुरु 41 और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं अजमेर, अलवर, अमरावती, अंबाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बूंदी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, एलूर, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, झालावाड़, झांसी, कन्नूर, खन्ना, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, पाली, पालकालाइपेरुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रायपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिरसा, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, उडुपी, वातवा और यादगीर आदि 71 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

Subscribe to our daily hindi newsletter