234 में से महज दस शहरों में साफ रह गई है हवा, वहीं दिल्ली सहित 19 शहरों में जानलेवा है प्रदूषण

देश के 234 में से महज दस शहरों में साफ रह गई है। वहीं दिल्ली में कल के मुकाबले प्रदूषण और ज्यादा बढ़ गया है। 

By Lalit Maurya

On: Wednesday 13 December 2023
 

देश के 234 में से महज दस शहरों में साफ रह गई है। हालांकि वो भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों के आधार पर स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं है। वहीं दिल्ली में कल के मुकाबले प्रदूषण और ज्यादा बढ़ गया है। बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 378 दर्ज किया गया है जो उसे देश का सबसे प्रदूषित शहर भी बनाता है। प्रदूषण का यह जहर केवल देश के बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, छोटे शहर भी इसका शिकार हैं। आंकड़ों की मानें तो देश के 19 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। मतलब की इन शहरों में प्रदूषण जानलेवा बना हुआ है। इसी तरह भरतपुर सहित 45 शहरों में प्रदूषण दमघोंटू बना हुआ है।   

कई शहरों में तो प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा, स्थिति किस कदर बिगड़ चुकी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बड़े शहरों को पीछे छोड़ हनुमानगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 369 पर पहुंच गया है। कुछ शहरों में तो स्थिति इतनी खराब हो चली है कि वहां सांस लेना तक दुश्वार हो गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 दिसंबर 2023 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के 234 में से महज 10 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

अगरतला-अंबाला सहित 45 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा, जबकि आरा-भागलपुर सहित 19 शहरों में प्रदूषण का स्तर जानलेवा (301-400 के बीच) है। यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 23 अंक बढ़कर 378 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 300, गाजियाबाद में 314, गुरुग्राम में 260, नोएडा में 318, ग्रेटर नोएडा में 334 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 115 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 207, चेन्नई में 114, चंडीगढ़ में 215, हैदराबाद में 82, जयपुर में 178 और पटना में 332 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 10 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 19, अरियालूर 46, बागलकोट 48, चामराजनगर 41, गडग 49, गंगटोक 50, कोल्लम 46, मदिकेरी 50, सिलचर 37 और शिवसागर 48 शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अमरावती, अनंतपुर, बेंगलुरु, बीदर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, एलूर, गांधीनगर, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, कोच्चि, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नासिक, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पलवल, पंचकुला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, राजसमंद, रामानगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उडुपी, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, वृंदावन, यादगीर आदि 73 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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