हर दिन बदल रहे प्रदूषण के समीकरण, 19 में बेहतर 113 शहरों में संतोषजनक हुई वायु गुणवत्ता

वहीं इन शहरों के विपरीत देश में बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 327 पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Monday 08 April 2024
 
दिल्ली मेट्रो राजधानी दिल्ली में परिवहन व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है; फोटो: आईस्टॉक

देश के शहरों में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का सिलसिला हर दिन जारी है। यही वजह है कि जहां कल महज दस शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर थी, वहीं आज यह आंकड़ा बढ़कर 19 पर पहुंच गया है। आंकड़ों की मानें तो देश में बिलासपुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 30 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के बागलकोट, बेलगाम, भिलाई, चामराजनगर, छाल, फिरोजाबाद, झांसी, कुंजेमुरा, मदिकेरी, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, पुदुचेरी, रायपुर, राजगीर, रामनाथपुरम, सूरत, तुमकुरु, और वाराणसी में हवा साफ है। वहीं इन शहरों के विपरीत देश में बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 327 पर पहुंच गया है। यदि वाराणसी से तुलना करें तो इस शहर में प्रदूषण का स्तर 11 गुणा ज्यादा है।

वहीं दूसरी तरफ देश के 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि कल देश 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई थी। वहीं देश में धारूहेड़ा सहित 99 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी का है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में गिरावट आई है। यदि देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल के मुकाबल आज प्रदूषण में 12 अंकों का इजाफा हुआ है। इसी तरह फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक में छह अंकों का उछाल आया है। इन शहरों में भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है।
आंकड़ों से यह भी पता चला है कि देश में सात शहरों में हवा दमघोंटू है, इन शहरो में बल्लभगढ़ (206), बक्सर (220), देवास (208), धनबाद (289), गुरूग्राम (221), परभनी (207) और श्रीगंगानगर (246) शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 239 में से 19 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 104 दर्ज किया गया था। 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं सात शहरों बल्लभगढ़ (206), बक्सर (220), देवास (208), धनबाद (289), गुरूग्राम (221), परभनी (207) और श्रीगंगानगर (246) में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 12 अंक बढ़कर 190 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 176, गाजियाबाद में 165, गुरुग्राम में 221, नोएडा में 156, ग्रेटर नोएडा में 168 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 74 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 97, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 85, हैदराबाद में 89, जयपुर में 96 और पटना में 163 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

वाराणसी सहित देश के जिन 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 50, बेलगाम 41, भिलाई 46, बिलासपुर 30, चामराजनगर 45, छाल 42, फिरोजाबाद 43, झांसी 37, कुंजेमुरा 50, मदिकेरी 41, पालकालाइपेरुर 32, पंचकुला 46, पुदुचेरी 34, रायपुर 47, राजगीर 34, रामनाथपुरम 38, सूरत 47, तुमकुरु 32 और वाराणसी 31 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, बालासोर, बारां, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावेरी, हिसार, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलना, जींद, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, पानीपत, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, शिवसागर, सोनीपत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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