मुजफ्फरनगर-ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण से सांस लेना हुआ दुश्वार, प्रदूषित शहरों में हुआ 167 फीसदी का इजाफा

देश के छोटे बड़े 32 शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू दर्ज की गई है। इन शहरों में इन शहरों में बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बेतिया, भिवाड़ी, भिवानी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, देहरादून, दिल्ली, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, आदि शामिल हैं

By Lalit Maurya

On: Friday 17 May 2024
 

देश में मुजफ्फरनगर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 322 पर पहुंच गया है। वहीं प्रदूषण के मामले में ग्रेटर नोएडा भी ज्यादा पीछे नहीं है, वहां भी एक्यूआई 321 दर्ज किया गया है। इन दोनों शहरों की तुलना अमरावती में प्रदूषण से करें तो स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है। गौरतलब है कि अमरावती देश का सबसे साफ शहर है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 21 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ देश के छोटे बड़े 32 शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू दर्ज की गई। इन शहरों में बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बेतिया, भिवाड़ी, भिवानी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, देहरादून, दिल्ली, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हिसार, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, नोएडा, पंचकुला, पटना, सिंगरौली, उल्हासनगर, यमुनानगर आदि शामिल रहे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों में 167 फीसदी का अच्छा-खासा इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले प्रदूषण में चार अंकों की गिरावट जरूर आई है। हालांकि इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है। दूसरी तरह फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में 36 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 256 पर पहुंच गया। इस दौरान देश के 28 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है। देखा जाए तो इन शहरों के संख्या करीब-करीब कल जितनी ही है। इन शहरों में कुड्डालोर, दावनगेरे, हल्दिया, हसन, कलबुर्गी, कारवार, कोलार, कोलकाता, मदिकेरी, मैहर शामिल हैं।

इसी तरह देश के 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल आदि शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों के आंकड़े में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है। वहीं देश के 87 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम रही। कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 242 में से 28 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 मई 2024 यह आंकड़ा 83 दर्ज किया गया था।

87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 32 शहरों गोरखपुर, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हिसार, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, नोएडा, पंचकुला, पटना, सिंगरौली आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (321), और मुजफ्फरनगर (322) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स चार अंक गिरकर 231 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 256, गाजियाबाद में 215, गुरुग्राम में 250, नोएडा में 296, ग्रेटर नोएडा में 321 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 97 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 186, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 204, हैदराबाद में 58, जयपुर में 166 और पटना में 232 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

अमरावती (21) सहित देश के जिन 28 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 43, बागलकोट 46, बेलगाम 48, चामराजनगर 42, चंद्रपुर 46, चिकबलपुर 39, कुड्डालोर 22, दावनगेरे 38, हल्दिया 27, हसन 35, कलबुर्गी 46, कारवार 36, कोलार 37, कोलकाता 49, मदिकेरी 35, मैहर 49, नाहरलगुन 34, पालकलाईपेरुर 29, पुदुचेरी 30, राजमहेंद्रवरम 33, रामनगर 44, रामनाथपुरम 26, सूरत 34, उडुपी 49, वाराणसी 47, वेल्लोर 29, यादगीर 37 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जलना, झांसी, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, परभनी, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सुआकाती, टेंसा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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