दिल्ली-एनसीआर में बढ़ा प्रदूषण, 49 शहरों में बह रही जहरीली हवा

दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। इसकी वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक 41 अंक बढ़कर 342 पर पहुंच गया है। 

By Lalit Maurya

On: Tuesday 13 February 2024
 

दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। इसकी वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक 41 अंक बढ़कर 342 पर पहुंच गया है। यदि 2024 की बात करें तो साल के ज्यादातर दिनों में दिल्ली में हवा खराब ही रही है। इसी तरह नोएडा (330), ग्रेटर नोएडा (362), गुरूग्राम (343) और मानेसर (318) में भी हवा जानलेवा है।

वहीं देश के छोटे-बड़े भागलपुर (328), भिवाड़ी (301), धारूहेड़ा (302), हापुड़ (360), मुजफ्फरनगर (362), नलबाड़ी (304), सहरसा (305) और समस्तीपुर (326) में प्रदूषण के चलते हवा जहरीली हो चुकी है।

इसके विपरीत यदि देश के सबसे साफ शहर को देखें तो अरियालूर-तुमकुरु में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे कम 31 दर्ज किया गया है। वहीं 21 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता साफ दर्ज की गई। देश में पलवल, पटना, पूर्णिया, राजगीर, सांगली, सोनीपत, उदयपुर, वापी और यमुनानगर सहित 46 शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 221 में से 21 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 58 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि कल यह आंकड़ा 70 दर्ज किया गया था। 83 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

बल्लभगढ़-दुर्गापुर सहित 46 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं मानेसर-सहरसा सहित देश के 13 शहरों में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 41अंक बढ़कर 342 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 268, गाजियाबाद में 297, गुरुग्राम में 343, नोएडा में 330, ग्रेटर नोएडा में 362 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 130 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 138, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 270, हैदराबाद में 70, जयपुर में 175 और पटना में 277 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 21 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अनंतपुर 45, अरियालूर 31, बागलकोट 46, चामराजनगर 45, कुड्डालोर 38, एलूर 48, कडपा 44, मदिकेरी 39, ऊटी 46, पालकालाइपेरुर 36, पुदुचेरी 43, रामनगर 46, रामनाथपुरम 48, सिलचर 45, थूथुकुडी 45, तिरुपति 43, तुमकुरु 31, उडुपी 50, वाराणसी 42, विजयपुरा 39 और यादगीर 46 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अमरावती, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, धनबाद, फिरोजाबाद, गडग , गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, प्रयागराज, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सतना, शिलांग, शिवमोगा, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तुमिडीह, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 58 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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