थमने का नाम नहीं ले रहा प्रदूषण, गुरूग्राम-हाजीपुर में जानलेवा हुई हवा, 30 शहरों में दमघोंटू हुए हालात

कल की तुलना में देखें तो दमघोंटू हवा वाले शहरों की संख्या में 36 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है

By Lalit Maurya

On: Saturday 04 May 2024
 

देश में बढ़ता प्रदूषण थमने का नाम नहीं ले रहा। छह शहरों में स्थिति जानलेवा है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 300 के पार पहुंच गया है। वायु प्रदूषण के मामले में गुरूग्राम की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई बढ़कर 351 पर पहुंच गया है। वहीं पांच अन्य शहरों बल्लभगढ़ (317), बारबिल (302), भिवाड़ी (302), हाजीपुर (313) और पटना (307) में स्थित जानलेवा है।

गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता किस कदर खराब है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां वायु गुणवत्ता नाहरलगुन से 11 गुणा ज्यादा खराब है। ताजा आंकड़ों को देखें तो देश में कल के मुकाबले दमघोंटू हवा वाले शहरों की संख्या में 36 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 30 पर पहुंच गई है।

इन शहरों में अंगुल (237), आसनसोल (281), बागपत (218), बहादुरगढ़ (271), बेलापुर (229), बेतिया (243), भरतपुर (224), भिवानी (243), बर्नीहाट (275), चरखी दादरी (256), दिल्ली (281), धनबाद (281), दुर्गापुर (244), फरीदाबाद (272), गाजियाबाद (210), गोरखपुर (262), ग्रेटर नोएडा (260), जबलपुर (222), किशनगंज (211), मानेसर (231), मेरठ (228), मुजफ्फरनगर (206), मुजफ्फरपुर (266), नागपुर (206), नांदेड़ (210), नयागढ़ (235), नोएडा (235), राउरकेला (206), सिवान (246), श्रीगंगानगर (267) शामिल हैं। हालांकि कल की तुलना में देखें तो इन दमघोंटू हवा वाले शहरों की संख्या में 36 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

दूसरी तरफ देश में नाहरलगुन की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 31 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इनमें सूरत, तिरुपति, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। देश में जिन शहरों की हवा संतोषजनक है उनकी संख्या में कल के मुकाबले करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इन शहरों की संख्या बढ़कर 80 पर पहुंच गई है। देश में 121 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी का है। कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में 11 फीसदी की गिरावट हुई है। इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, भागलपुर, भिलाई, भोपाल, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चित्तौड़गढ़, दौसा, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड़, हिसार आदि शहर शामिल हैं।

यदि देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल की मुकाबले प्रदूषण में 17 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 300 के करीब पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में 28 अंकों की वृद्धि हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चार मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 249 में से 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि तीन मई 2024 यह आंकड़ा 68 दर्ज किया गया था।

121 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 30 शहरों अंगुल, आसनसोल, बागपत, बहादुरगढ़, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिवानी, बर्नीहाट, चरखी दादरी, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, जबलपुर, किशनगंज, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नयागढ़, नोएडा, राउरकेला, सिवान, श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बल्लभगढ़ (317), बारबिल (302), भिवाड़ी (302), गुरूग्राम (351), हाजीपुर (313) और पटना (307) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 17 अंक बढ़कर 281 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 272, गाजियाबाद में 210, गुरुग्राम में 351, नोएडा में 235, ग्रेटर नोएडा में 260 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 89 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 188, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 115, हैदराबाद में 95, जयपुर में 151 और पटना में 307 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

मदिकेरी (32) सहित देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर (39), बागलकोट (46), कुड्डालोर (32), हावेरी (48), मैसूर (50), नाहरलगुन (31), पालकालाइपेरुर (44), रामनाथपुरम (42), सूरत (46), तिरुपति (44), विजयपुरा (42) शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अंबाला, अंकलेश्वर, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देवास, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, खन्ना, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नासिक, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, राजगीर, ऋषिकेश, सलेम, सासाराम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 68 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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