अगरतला, चंद्रपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, नलबाड़ी और रूपनगर में दमघोंटू है प्रदूषण, जानिए कैसा है अन्य शहरों का हाल

आंकड़ों के मुताबिक देश में वाराणसी की हवा सबसे ज्यादा साफ है जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 दर्ज किया गया है

By Lalit Maurya

On: Friday 08 March 2024
 

देश में अगरतला, चंद्रपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, नलबाड़ी और रूपनगर में प्रदूषण दमघोंटू बना हुआ है। आंकड़ों की मानें तो इन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 200 के पार है। वहीं देश में सबसे खराब स्थिति चंद्रपुर की है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 251 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 119 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। यदि कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ देश के 13 शहरों में हवा साफ है, जहां प्रदूषण का स्तर 50 या उससे नीचे दर्ज किया गया है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में वाराणसी की हवा सबसे ज्यादा साफ है जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 दर्ज किया गया है। यदि दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह देश के 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में गिरावट जरूर देखी गई है। गौरतलब है कि कल संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा 115 दर्ज किया गया था।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 251 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 मार्च 2024 यह आंकड़ा 115 दर्ज किया गया था। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

वहीं छह शहरों अगरतला (234), चंद्रपुर (251), गुरूग्राम (206), गुवाहाटी (201), नलबाड़ी (226) और रूपनगर (219) में वायु गुणवत्ता 'खराब' (201-300 के बीच) दर्ज की गई है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 25 अंक गिरकर 156 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 163, गाजियाबाद में 115, गुरुग्राम में 206, नोएडा में 126, ग्रेटर नोएडा में 142 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 124 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 88, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 105, हैदराबाद में 86, जयपुर में 126 और पटना में 148 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अंबाला 48, बागलकोट 46, बिलासपुर 43, चामराजनगर 49, चेंगलपट्टू 50, कुड्डालोर 44, झांसी 48, मदिकेरी 36, मैहर 46, मिलुपारा 43, तुमकुरु 35, वाराणसी 24 और विजयपुरा 46 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अमृतसर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, भिलाई, भिवानी, बीदर, बिहारशरीफ, ब्रजराजनगर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग , गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, हापुड़, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोच्चि, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, ऊटी, पाली, पंचकुला, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सूरत, तालचेर, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमिडीह, उदयपुर, उडुपी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर और यमुनानगर आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

Subscribe to our daily hindi newsletter