धौलपुर में एक बार फिर जानलेवा हुआ प्रदूषण, अहमदाबाद सहित नौ शहरों में दमघोंटू है हवा

देश के बड़े शहरों को पीछे छोड़ धौलपुर में हवा एक बार फिर जानलेवा हो गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 314 दर्ज किया गया है

By Lalit Maurya

On: Friday 15 March 2024
 

देश के बड़े शहरों को पीछे छोड़ धौलपुर में हवा एक बार फिर जानलेवा हो गई है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 314 दर्ज किया गया है। इसी तरह अहमदाबाद, अंगुल, बारबिल, बर्नीहाट, गुवाहाटी, जलना, मंडी गोबिंदगढ़, नंदेसरी और परभनी में वायु गुणवत्ता दमघोंटू है। मतलब की देश के नौ शहरों में प्रदूषण से स्थिति खराब है। हालांकि कल इन शहरों की संख्या 11 दर्ज की गई थी। इसी तरह यदि दिल्ली की बात करें तो वहां कल के मुकाबले प्रदूषण में गिरावट आई है। आंकड़ों की मानें तो दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 68 अंकों की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद देश की राजधानी में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। बता दें कि कल दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 195 रिकॉर्ड किया गया था।

वहीं दूसरी तरफ तुमकुरु में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 32 दर्ज किया गया है। यदि इसकी तुलना धौलपुर में वायु गुणवत्ता से करें तो स्थिति करीब दस गुणा बेहतर है। इसके साथ ही देश के दस अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में भी गिरावट आई है। कल इन शहरों में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 14 दर्ज की गई थी। इसी तरह देश के 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है। इन शहरों में चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, फतेहाबाद और गडग आदि शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 248 में से 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 मार्च 2024 यह आंकड़ा 91 दर्ज किया गया था। 118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं नौ शहरों अहमदाबाद (234), अंगुल (271), बारबिल (220), बर्नीहाट (275), गुवाहाटी (203), जलना (220), मंडी गोबिंदगढ़ (204), नंदेसरी (254) और परभनी (216) में स्थिति दमघोंटू है।

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 68 अंक गिरकर 127 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 163, गाजियाबाद में 102, गुरुग्राम में 133, नोएडा में 106, ग्रेटर नोएडा में 126 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 125 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 88, चेन्नई में 76, चंडीगढ़ में 97, हैदराबाद में 98, जयपुर में 95 और पटना में 186 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 46, चामराजनगर 45, चेंगलपट्टू 42, फिरोजाबाद 46, हावेरी 48, पालकालाइपेरुर 49, पंचकुला 46, सिलचर 39, शिवसागर 49, तुमकुरु 32 और वाराणसी 44 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमृतसर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बहादुरगढ़, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, बेलगाम, भिलाई, भिवानी, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, फतेहाबाद, गडग, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हापुड़, हसन, हिसार, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, झांसी, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, कारवार, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, ऊटी, पलवल, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामानगर, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिरसा, सोनीपत, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, उडुपी, विजयवाड़ा, यादगीर, और यमुनानगर आदि 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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