दिल्ली सहित कई शहरों में घटा प्रदूषण, 18 में साफ, 89 शहरों में संतोषजनक हुई हवा

आंकड़ों के मुताबिक जहां बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 385 रहा, वहीं बक्सर में एक्यूआई 336 दर्ज किया गया है

By Lalit Maurya

On: Saturday 03 February 2024
 

मौसम में करवट के साथ दिल्ली सहित देश के कई शहरों में प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके बाद महज दो शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति जानलेवा रह गई है। आंकड़ों के मुताबिक जहां बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 385 दर्ज किया गया है वहीं बक्सर में एक्यूआई 336 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 20 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इनमें आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमृतसर और अंगुल जैसे शहर शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ 18 शहरों में हवा साफ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तीन फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से महज 18 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

कोटा-वापी सहित 20 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं बक्सर (336) और बर्नीहाट (385) में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 17 अंक गिरकर 200 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 171, गाजियाबाद में 146, गुरुग्राम में 175, नोएडा में 152, ग्रेटर नोएडा में 196 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 89, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 88, हैदराबाद में 79, जयपुर में 155 और पटना में 202 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 18 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 23, चामराजनगर 44, चिक्कामगलुरु 50, कुड्डालोर 38, कडपा 49, कलबुर्गी 46, खन्ना 43, मदिकेरी 39, मैहर 50, मिलुपारा 47, पालकालाइपेरुर 27, पुदुचेरी 33, ऋषिकेश 42, शिवसागर 35, थूथुकुडी 47, तिरुपति 44, उडुपी 45, और वाराणसी 42 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बरेली, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेतिया, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग , गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जालंधर, जलना, कैथल, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोच्चि, कोलार, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, पलवल, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामानगर, रोहतक, सलेम, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिवान, सोनीपत, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपुर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर और यमुनानगर आदि 89 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

Subscribe to our daily hindi newsletter