लगातार दूसरे दिन बर्नीहाट में जानलेवा रहा प्रदूषण, दिल्ली में भी 26 अंक बढ़ा एक्यूआई

देश में लगातार दूसरे दिन मेघालय के बर्नीहाट में प्रदूषण से हालात जानलेवा दर्ज किए गए हैं

By Lalit Maurya

On: Sunday 17 March 2024
 

देश में लगातार दूसरे दिन मेघालय के बर्नीहाट में प्रदूषण से हालात जानलेवा दर्ज किए गए हैं। वहां प्रदूषण का आलम यह है कि हवा में घुला जहर स्वास्थ्य के नजरिए से बेहद खराब स्थिति में है। बता दें कि इसके विपरीत पुदुचेरी में हवा सबसे ज्यादा साफ है। यदि बर्नीहाट और पुदुचेरी में प्रदूषण के बीच तुलना करें तो बर्नीहाट में हवा करीब 14 गुणा ज्यादा प्रदूषित है। बता दें कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 312 दर्ज किया गया है, जबकि पुदुचेरी में वो महज 23 है।

इसी तरह देश के छोटे बड़े दस अन्य शहरों में भी प्रदूषण से हालात दमघोंटू हैं। इन शहरों में छपरा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, परभनी, पटना और श्रीगंगानगर शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों में गिरावट दर्ज की गई है। कल देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई थी।

वहीं देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है। इन शहरों की संख्या में भी कल के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। यदि देश की राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 26 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 193 पर पहुंच गया है।

इसके विपरीत देश के 13 शहरों में वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के नजरिए से बेहतर बनी हुई है, जहां एक्यूआई 50 या उससे कम दर्ज किया गया है। हालांकि कल इन शहरों का आंकड़ा 14 दर्ज किया गया था। इसी तरह आइजोल-अजमेर सहित देश के 100 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। कल इन शहरों की संख्या 96 दर्ज की गई थी। कुल मिलकर देखें तो देश के छोटे शहरों में प्रदूषण से स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 242 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 100 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 मार्च 2024 यह आंकड़ा 96 दर्ज किया गया था। 118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं दस शहरों छपरा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, परभनी, पटना और श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 312 पर पहुंच गया है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 26 अंक बढ़कर 193 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 189, गाजियाबाद में 141, गुरुग्राम में 202, नोएडा में 182, ग्रेटर नोएडा में 196 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 97 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 113, चेन्नई में 54, चंडीगढ़ में 134, हैदराबाद में 74, जयपुर में 105 और पटना में 214 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 37, बागलकोट 46, चामराजनगर 47, चेंगलपट्टू 50, झांसी 41, करौली 47, मैहर 40, पालकालाइपेरुर 28, पुदुचेरी 23, राजमहेंद्रवरम 46, तुमकुरु 34, वाराणसी 38 और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अरियालूर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग , गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मदिकेरी, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मुंबई, मैसूर, नागौर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नयागढ़, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तुमिडीह, उडुपी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, और यादगीरआदि 96 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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