मेघालय के बर्नीहाट में लगातार तीसरे दिन जानलेवा रहा प्रदूषण, 14 शहरों में दमघोंटू हुए हालात

कल के मुकाबले देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। कल इन शहरों का आंकड़ा दस दर्ज किया गया था

By Lalit Maurya

On: Monday 18 March 2024
 

मेघालय के औद्योगिक शहर बर्नीहाट में लगातार तीसरे दिन प्रदूषण से हालात जानलेवा बने हुए हैं। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 312 से बढ़कर 323 पर पहुंच गया है। इसके अतिरिक्त देश के 14 अन्य शहरों में प्रदूषण से स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में अगरतला 212, भागलपुर 236, छपरा 246, ग्रेटर नोएडा 202, गुवाहाटी 240, हनुमानगढ़ 219, मुंगेर 267, मुजफ्फरनगर 208, मुजफ्फरपुर 207, नलबाड़ी 212, नंदेसरी 225, पटना 246, सिवान 230 और श्रीगंगानगर 205 शामिल रहे। वहीं दूसरी तरफ देश के तीन शहरों चेंगलपट्टू (28), पालकालाइपेरुर (28) और तुमकुरु (28) में वायु गुणवत्ता सबसे बेहतर है। इन शहरों की बर्नीहाट से तुलना करें तो यहां प्रदूषण करीब 12 गुणा कम है। इसी तरह देश के 13 अन्य शहरों में स्थिति बेहतर है। यदि कल के मुकाबले देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। कल इन शहरों का आंकड़ा दस दर्ज किया गया था।

यदि दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां छह अंकों की वृद्धि के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 199 पर पहुंच गया है। दिल्ली सहित देश के 107 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। आंकड़ों के मुताबिक देश में आगरा-बालासोर सहित 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। आंकड़ों में जो तस्वीर सामने आई है उसके मुताबिक देश में छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 239 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 मार्च 2024 यह आंकड़ा 100 दर्ज किया गया था। 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 14 शहरों अगरतला, भागलपुर, छपरा, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, पटना, सिवान और श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 323 पर पहुंच गया है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स छह अंक बढ़कर 199 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 196, गाजियाबाद में 133, गुरुग्राम में 199, नोएडा में 147, ग्रेटर नोएडा में 202 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 86 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 138, चेन्नई में 52, चंडीगढ़ में 120, हैदराबाद में 67, जयपुर में 107 और पटना में 246 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 31, बागलकोट 46, बिलासपुर 37, चामराजनगर 48, चेंगलपट्टू 28, कुड्डालोर 37, करौली 48, पालकालाइपेरुर 28, पुदुचेरी 30, राजमहेंद्रवरम 33, थूथुकुडी 49, तिरुपति 44 और तुमकुरु 28 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बालासोर, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झांसी, जींद, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, मैहर, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मुंबई, मैसूर, नगांव, नागपुर, नासिक, नयागढ़, पलवल, पटियाला, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, उडुपी, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और यादगीर आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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