प्रदूषण में जारी उतार-चढ़ाव का सिलसिला, संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 22 फीसदी का इजाफा

देश में अंगुल, बल्लभगढ़, भागलपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, छपरा, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, जलना, नांदेड़, नंदेसरी, परभनी, रूपनगर, और सुआकाती में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है

By Lalit Maurya

On: Sunday 24 March 2024
 
देश के 16 शहरों में हवा बेहतर है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे कम है; फोटो: आईस्टॉक

देश के प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। इस बारे में आज जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के 16 शहरों में हवा बेहतर है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे कम है। इन शहरों में आइजोल, अंबाला, बागलकोट, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, कुड्डालोर, हल्दिया, झांसी, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, पुदुचेरी, रामनगर, सूरत और वाराणसी शामिल हैं। आंकड़ों की माने तो देश में धारवाड़ में हवा सबसे साफ है। वहीं दूसरी तरफ जलना में स्थिति सबसे खराब है। यदि इन दोनों के बीच प्रदूषण में मौजूद अंतर को देखें तो जलना में प्रदूषण का स्तर करीब 10 गुना ज्यादा है।

आंकड़ों की मानें तो कल के मुकाबले देश के ज्यादातर शहरों में प्रदूषण की स्थिति में सुधार आया है। इन शहरों में दिल्ली-फरीदाबाद भी शामिल हैं। गौरतलब है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 38 अंकों की गिरावट के बाद 194 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता का स्तर 183 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश में कल के मुकाबले संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 22 फीसदी का इजाफा हुआ है। जहां संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या जो कल 88 थी, वो आज बढ़कर 107 पर पहुंच गई है। वहीं दूसरी तरफ देश में उन शहरों की संख्या में गिरावट आई है, जहां वायु गुणवत्ता खराब है।

कल जहां 24 शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू थी, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर महज 14 रह गया है। इन शहरों में अंगुल, बल्लभगढ़, भागलपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, छपरा, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, जलना, नांदेड़, नंदेसरी, परभनी, रूपनगर, और सुआकाती शामिल हैं। इसी तरह देश मध्यम श्रेणी की वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में गिरावट आई है। जिनकी संख्या 120 से घटकर 105 रह गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 242 में से 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 मार्च 2024 यह आंकड़ा 88 दर्ज किया गया था। 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 14 शहरों अंगुल, बल्लभगढ़, भागलपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, छपरा, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, जलना, नांदेड़, नंदेसरी, परभनी, रूपनगर, और सुआकाती में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में जलना में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 265 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 38 अंक गिरकर 194 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 183, गाजियाबाद में 155, गुरुग्राम में 227, नोएडा में 164, ग्रेटर नोएडा में 248 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 73 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 144, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 84, जयपुर में 127 और पटना में 192 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 50, अंबाला 48, बागलकोट 46, चामराजनगर 45, चेंगलपट्टू 33, कुड्डालोर 49, धारवाड़ 27, हल्दिया 42, झांसी 42, नाहरलगुन 37, पालकालाइपेरुर 42, पंचकुला 30, पुदुचेरी 45, रामनगर 47, सूरत 45, और वाराणसी 34 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बद्दी, बालासोर, बारां, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग , गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जालंधर, जालौर, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मदिकेरी, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, ऊटी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सहरसा, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, टेंसा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, और यादगीर आदि 107 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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