बेगूसराय-पूर्णिया में लगा सांसों का आपातकाल, दिल्ली सहित 20 शहरों में बह रही जानलेवा हवा

दिल्ली में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 पर पहुंच गया है, लम्बे समय तक बना यह प्रदूषण उन्हें बेहद बीमार करने के ले पर्याप्त है

By Lalit Maurya

On: Sunday 17 December 2023
 
हवा में घुलता जहर; फोटो: आईस्टॉक

बेगूसराय-पूर्णिया में हवा गंभीर स्तर पर पहुंच गई है। सांस लेना इस कदर दुश्वार हो गया है कि ऐसा लगता है मानों वहां सांसों का आपातकाल चल रहा हो। बात दें कि इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार है। बेगूसराय में स्थिति इस कदर खराब हो चुकी है कि वहां एक्यूआई बढ़कर 452 पर पहुंच गया है। कहीं न कहीं यह इस बात की ओर भी इशारा करता है कि प्रदूषण का बढ़ता जहर केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहा गया है, उसने पूरे देश को अपने आगोश में ले लिया है।

दिल्ली में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है जहां लगातार प्रदूषण का स्तर बेहद खराब बना हुआ है। जो कहीं न कहीं दिल्ली वालों के लिए बड़े खतरे की ओर इशारा करता है। ऐसी की कुछ स्थिति 19 अन्य शहरों की है। जहां प्रदूषण 'बेहद खराब' श्रेणी में है। देखा जाए तो दिल्ली सहित इन शहरों में हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों से कई गुणा ज्यादा खराब है।

वहीं देश के महज 12 शहरों में हवा बेहतर बताई गई है। हालांकि इन शहरों में भी प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों पर खरा नहीं उतरता। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 दिसंबर 2023 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के 239 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, जबकि 111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

भरतपुर-चरखी दादरी सहित 46 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा, जबकि अररिया-भिवाड़ी सहित 20 शहरों में प्रदूषण का स्तर जानलेवा (301-400 के बीच) है। वहीं बेगूसराय (452) और पूर्णिया (408) में प्रदूषण का स्तर बढ़कर गंभीर हो गया है। यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 31 अंक बढ़कर 354 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 318, गाजियाबाद में 316, गुरुग्राम में 284, नोएडा में 330, ग्रेटर नोएडा में 350 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 133 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 204, चेन्नई में 92, चंडीगढ़ में 243, हैदराबाद में 108, जयपुर में 156 और पटना में 331 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 20, अरियालूर 48, चामराजनगर 41, गंगटोक 50, कांचीपुरम 47, मदिकेरी 30, मैहर 39, नाहरलगुन 45, ऊटी 27, पालकालाइपेरुर 50, शिलांग 47, और शिवसागर 45 शामिल रहे।

वहीं अजमेर, अलवर, अनंतपुर, बागलकोट, बारां, बेलगाम, बेंगलुरु, ब्रजराजनगर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, गडग, गांधीनगर, हसन, हुबली, इंफाल, जलगांव, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मैसूर, पुदुचेरी, रामानगर, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, शिवमोगा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा, विजयवाड़ा आदि 48 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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