गुवाहाटी-बर्नीहाट में प्रदूषण से जानलेवा हालात, दिल्ली सहित 12 शहरों में बह रही दमघोंटू हवा

आंकड़ों के मुताबिक जहां गुवाहाटी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 311 जबकि बर्नीहाट में 344 दर्ज किया गया है 

By Lalit Maurya

On: Wednesday 20 March 2024
 

भारत के दो शहरों गुवाहाटी और बर्नीहाट में प्रदूषण से हालात जानलेवा हैं। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 300 के पार है। आंकड़ों के मुताबिक जहां गुवाहाटी में एक्यूआई 311 जबकि बर्नीहाट में 344 दर्ज किया गया है। इसी तरह दिल्ली (229) - फरीदाबाद (220) सहित देश के 12 शहरों में हवा दमघोंटू है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 54 फीसदी की गिरावट आई है।

बता दें कि खराब वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों में अगरतला 222, बल्लभगढ़ 270, धारूहेड़ा 229, ग्रेटर नोएडा 256, गुरूग्राम 238, हनुमानगढ़ 224, नलबाड़ी 272, नंदेसरी 265, परभनी 220 और श्रीगंगानगर 284 शामिल थे। कुल मिलकर देखें तो देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।
वहीं दूसरी तरफ देश में वाराणसी (24) सहित 19 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है। देश में बिलासपुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया है। कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 93 दर्ज की गई है, जो करीब-करीब कल जितनी ही है। इसी तरह देश के 115 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की दर्ज की गई है। इन शहरों की संख्या में भी कल के मुकाबले इजाफा देखा गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 241 में से 19 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 मार्च 2024 यह आंकड़ा 94 दर्ज किया गया था। 115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 12 शहरों अगरतला, बल्लभगढ़, दिल्ली, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, नलबाड़ी, नंदेसरी, परभनी, और श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (344) और गुवाहाटी (311) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स आठ अंक बढ़कर 229 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 220, गाजियाबाद में 188, गुरुग्राम में 238, नोएडा में 196, ग्रेटर नोएडा में 256 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 120 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 161, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 109, हैदराबाद में 73, जयपुर में 96 और पटना में 103 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 46, बारीपदा 49, भिलाई 38, बिलासपुर 21, चामराजनगर 48, चिक्कामगलुरु 44, हल्दिया 39, करौली 46, क्योंझर 42, कोरबा 46, कुंजेमुरा 35, मदिकेरी 49, मैहर 37, नयागढ़ 32, पंचकुला 47, रायरंगपुर 42, राउरकेला 45, टेंसा 42 और वाराणसी 24 शामिल रहे।

वहीं आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अंगुल, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बारबिल, बरेली, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गया, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जलना, झांसी, जींद, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नारनौल, नासिक, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तुमकुरु, उडुपी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और यादगीर आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

Subscribe to our daily hindi newsletter