दिल्ली-गुरूग्राम सहित छोटे-बड़े 26 शहरों प्रदूषण से दमघोंटू हुए हालात, बर्नीहाट में बढ़कर 347 पर पहुंचा एक्यूआई

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक बार फिर दमघोंटू हो चुका है। आंकड़ों के मुताबिक कल के मुकाबले दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 22 अंकों की वृद्धि हुई है, जिसके बाद एक्यूआई बढ़कर 221 पर पहुंच गया है

By Lalit Maurya

On: Tuesday 19 March 2024
 

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक बार फिर दमघोंटू हो चुका है। आंकड़ों के मुताबिक कल के मुकाबले दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 22 अंकों की वृद्धि हुई है, जिसके बाद एक्यूआई बढ़कर 221 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के छोटे-बड़े 25 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अगरतला, अहमदनगर, बल्लभगढ़, बेतिया, भिवाड़ी, छपरा, धारूहेड़ा, धौलपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जलना, किशनगंज, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, पटना, रोहतक, सहरसा, सिलीगुड़ी, सिवान, और श्रीगंगानगर शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 86 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं बर्नीहाट में बढ़ता प्रदूषण का स्तर 347 पर पहुंच गया है। जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि वहां हालात किस कदर खराब हो चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ देश के 13 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है। इन शहरों में चेंगलपट्टू में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 27 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 94 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में गिरावट आई है। कल इन शहरों का आंकड़ा 103 दर्ज किया गया था। देश के 109 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है। कुल मिलकर देखें तो देश के छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। 2023 वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट ने भी देश में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में दुनिया के सभी महानगरों मे बेगूसराय की हवा सबसे खराब थी। इसी तरह राजधानी शहरों के मामले में दिल्ली की स्थिति सबसे बदतर है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 243 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 मार्च 2024 यह आंकड़ा 103 दर्ज किया गया था। 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 26 शहरों अगरतला, अहमदनगर, बल्लभगढ़, बेतिया, भिवाड़ी, छपरा, धारूहेड़ा, धौलपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जलना, किशनगंज, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, पटना, रोहतक, सहरसा, सिलीगुड़ी, सिवान, और श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 पर पहुंच गया है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 22 अंक बढ़कर 221 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 191, गाजियाबाद में 174, गुरुग्राम में 224, नोएडा में 190, ग्रेटर नोएडा में 238 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 106 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 144, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 139, हैदराबाद में 71, जयपुर में 112 और पटना में 274 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 46, भिलाई 48, भिवानी 36, चेंगलपट्टू 27, कुड्डालोर 47, करौली 40, कुंजेमुरा 42, मदिकेरी 50, मैहर 47, पुदुचेरी 47, सिलचर 50, थूथुकुडी 47, और वाराणसी 48 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बारबिल, बरेली, बठिंडा, बेलापुर, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, नगांव, नागपुर, नारनौल, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पलवल, पंचकुला, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 94 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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