फरीदाबाद-गुवाहाटी सहित 11 शहरों में प्रदूषण से दमघोंटू हालात, दिल्ली के एक्यूआई में भी हुई 30 अंको की बढ़ोतरी

देश में बिलासपुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना में वायु गुणवत्ता करीब 10 गुणा बेहतर है

By Lalit Maurya

On: Thursday 14 March 2024
 

देश में फरीदाबाद सहित 11 शहरों में प्रदूषण से हालात दमघोंटू बने हुए हैं। इन शहरों में बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, धौलपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, पाली, रोहतक और श्रीगंगानगर शामिल हैं, जहां स्थिति 'खराब' है। यदि देश में सबसे प्रदूषित शहर की बात करें तो नंदेसरी (290) में हवा सबसे ज्यादा खराब है। वहीं दूसरी तरफ बिलासपुर में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां नंदेसरी की तुलना में वायु गुणवत्ता करीब 10 गुणा बेहतर है। इसी तरह देश के 13 अन्य शहरों में भी हवा बेहतर बनी हुई है। कल के मुकाबले देखें तो उन शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता बेहतर है। बता दें कि जहां कल दस शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 50 या उससे नीचे था, वहीं आज इन शहरों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है।

यदि दिल्ली की बात करें तो कल के मुकाबले प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है। इसी का नतीजा है कि देश की राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 30 अंक बढ़कर 195 पर पहुंच गया है। आंकड़ों से यह भी पता चला है कि देश में हैदराबाद-इंफाल सहित 91 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में गिरावट आई है। बता दें कि कल 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक थी। इसी तरह देश के 132 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है। इसी तरह जहां कल धौलपुर में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' थी वो वायु गुणवत्ता में थोड़े सुधार के बाद 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। हालांकि इसके बावजूद वहां हवा लोगों की बीमारी बनाने के लिए काफी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 248 में से 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 91 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 मार्च 2024 यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था। 132 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

वहीं 11 शहरों बहादुरगढ़ (220), बल्लभगढ़ (208), धौलपुर (269), फरीदाबाद (208), गुवाहाटी (204), हनुमानगढ़ (202), मुजफ्फरनगर (227), नंदेसरी (290), पाली (248), रोहतक (216) और श्रीगंगानगर (271) में स्थिति दमघोंटू है।

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 30 अंक बढ़कर 195 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 208, गाजियाबाद में 161, गुरुग्राम में 177, नोएडा में 153, ग्रेटर नोएडा में 192 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 74 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 123, चेन्नई में 88, चंडीगढ़ में 116, हैदराबाद में 95, जयपुर में 109 और पटना में 187 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 46, बिलासपुर 30, चामराजनगर 47, चेंगलपट्टू 46, फिरोजाबाद 46, झांसी 46, करौली 39, मैहर 50, मैसूर 49, सूरत 45, तिरुपुर 40, तुमकुरु 34, वाराणसी 41, और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, भिलाई, भोपाल, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, एलूर, फतेहाबाद, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झालावाड़, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, टेंसा,
ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, उडुपी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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